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राजस्‍थान में आदिवासी युवाओं पर पकड़ बनाने और बीटीपी पर लगाम लगाने की कवायद

राजस्‍थान की अशोक गहलोत सरकार ने भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) का बढ़ता प्रभाव रोकने के लिए कांग्रेस की गतिविधियां बढ़ाने के लिए योजना तैयार की है। यह योजना प्रदेश के 8 जिलों में लागू की जा रही है ।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 24 Dec 2020 12:37 PM (IST)Updated: Thu, 24 Dec 2020 12:37 PM (IST)
राजस्‍थान में आदिवासी युवाओं पर पकड़ बनाने और बीटीपी पर लगाम लगाने की कवायद
बीटीपी का बढ़ता प्रभाव रोकने के लिए अशोक गहलोत सरकार ने योजना तैयार की है ।

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाकों में कांग्रेस की पकड़ मजबूत बनाने और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) का बढ़ता प्रभाव रोकने के लिए अशोक गहलोत सरकार ने योजना तैयार की है । कांग्रेस की गतिविधियां बढ़ाने और बीटीपी के बढ़ते प्रभाव पर अंकुश लगाने की कसरत के तहत आदिवासी बहुत डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ व उदयपुर जिलों में सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने पर जोर दिया गया है। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश के जनजाति उपयोजना, सहरिया तथा माडा क्षेत्र के इलाकों में ट्राइफंड के माध्यम से वन-धन विकास योजना लागू करने की योजना बनाई है। 

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 जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल ने बताया कि यह योजना प्रदेश के 8 जिलों में लागू की जा रही है । योजना के तहत 300 सदस्यीय 555 वन धन विकास केंद्र का गठन राजीविका तथा ग्राम वन सुरक्षा एवं प्रबंधकीय समितियों के स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जाएगा । वन धन विकास केंद्रों  में न्यूनतम 60 प्रतिशत सदस्य जनजाति समुदाय से होंगे। प्रत्येक वन धन विकास केंद्र के सदस्यों के क्षेत्र में उपलब्ध लघु, वन, कृषि, आयुर्वेदिक औषधीय उपजों के संग्रहण, मूल्य संवर्धन, पैकिंग और मार्केंटिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। 

 आदिवासी युवाओं को रोजगार एवं शिक्षा उपलब्ध कराने के लिहाज से अलग से योजना बनाई जा रही है । गहलोत सरकार आदिवासी इलाकों में सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के लिए सरकारी कर्मचारियों को तैनात करेगी। उधर कांग्रेस ने आदिवासी युवाओं में पकड़ मजबूत करने के लिहाज से पार्टी के अग्रिम संगठन युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद पर पिछले दिनों आदिवासी नेता गणेश घोघरा को नियुक्त किया है। घोघरा डूंगरपुर से विधायक होने के साथ ही आदिवासी युवाओं में अच्छी पकड़ रखते हैं। पार्टी नेतृत्व ने घोघरा से कहा है कि वे आदिवासी युवाओं को पार्टी से जोड़ने के लिए अभियान चलाएं। 

 उल्लेखनीय है कि आदिवासी इलाकों में पिछले दो से तीन साल में बीटीपी का प्रभाव लगातार बढ़ने लगा है । आदिवासी शुरु से ही कांग्रेस का वोट बैंक रहा है, लेकिन बीटीपी ने कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाना शुरु किया है। इस कारण कांग्रेस ने अब सत्ता और संगठन के माध्यम से आदिवासी युवाओं पर पकड़ बनाने की योजना बनाई है। हाल ही में बीटीपी के दोनों विधायकों ने अशोक गहलोत सरकार से समर्थन वापस लेने की भी घोषणा की है।


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