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सूरत के करोड़पति कपड़ा व्यापारी दंपत्ति दो छोटे बच्चों के साथ दीक्षा लेने आए उदयपुर

सूरत गुजरात से मालू परिवार पहुंचा उदयपुर। सभी आठ फरवरी को लेंगे जैन साधु की दीक्षा। आखिर क्या बात थी कि दीक्षा लेने जा रहे हैं एक परिवार के स्वागत को उमड़ा उदयपुर का जैन समाज

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 06 Feb 2019 11:00 AM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 11:00 AM (IST)
सूरत के करोड़पति कपड़ा व्यापारी दंपत्ति दो छोटे बच्चों के साथ दीक्षा लेने आए उदयपुर
सूरत के करोड़पति कपड़ा व्यापारी दंपत्ति दो छोटे बच्चों के साथ दीक्षा लेने आए उदयपुर

उदयपुर, सुभाष शर्मा। सूरत के करोड़पति कपड़ा व्यापारी अपने दो बच्चों के साथ दीक्षा लेने जा रहा है। निर्मल मालू और चंदना के महज 13 वर्षीय बेटे निखिल और 11 वर्षीय समता ने अचानक निर्णय किया कि वह अपने माता-पिता सुख सम्पत्ति को छोड़ 8 फरवरी उदयपुर में जैनमुनि आचार्य रामलाल महाराज के सानिध्य में दीक्षा लेंगे। छोटी सी उम्र में दीक्षा लेने आए इन बच्चों के निर्णय ने समाज को इस तरह गौरवान्वित किया कि उनका भव्य स्वागत किया। 

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मुमुक्षुओं के पिता निर्मल मालू ने बताया कि समता और नीरज दोनों ही पढ़ने में बहुत तेज हैं। नीरज ने सातवीं कक्षा में ए-प्लस ग्रेड हासिल किया था और इसके बाद उन्होंने दीक्षा लेने का निर्णय लिया। वहीं समता ने भी पांचवीं कक्षा में ए-प्लस ग्रेड हासिल किया था और इसके बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़कर दीक्षा लेने का निर्णय लिया।चंदन देवी ने बताया कि बच्चों की दीक्षा की बात सुनकर आश्चर्य हुआ, लेकिन अपने मन को समझाया कि उनका निर्णय सही है। बच्चों का कहना है कि उन्होंने संन्यास का फ़ैसला भले जल्दी लिया हो लेकिन वह सही है।

पिता चाहते थे बेटा बने बिजनेस मैन

निर्मल मालू ने बताया कि हमने बच्चों को हमेशा यही सिखाया कि जीवन में कुछ भी बनने से पहले अच्छा नागरिक बनें। निर्मल अपने बेटे नीरज को बिजनेस मैन बनाना चाहते थे। पर दोनों बच्चें सन्यासी जीवन जीना चाहते थे। समता और नीरज सूरत में आयोजित आचार्य रामलाल महाराज के शिविर से प्रेरित होकर दीक्षा लेने का निर्णय लिया। जब बच्चों ने स्कूल न जाने की जिद की तो माता चंदन देवी और पिता निर्मल मालू स्तब्ध रह गए।

उन्होंने बच्चों की परीक्षा लेने के लिए उन्हें कई जगहों पर भेजा, विभिन्न प्रकार के व्यंजन खिलाए और उन्हें यह भी समझाया की साधु जीवन कितना कठिन होता है। लेकिन बच्चों ने उनकी एक न सुनी और दीक्षा लेने के निर्णय पर अटल रहे। मुमुक्षु नीरज अब तक आचार्य रामलाल महाराज के सानिध्य में 8 फरवरी को दीक्षा लेंगे। इससे पहले दोनों बच्चों ने अपने माता-पिता को भरोसा दिलाने के लिए 22 दिनों तक तेलातप भी किया । दोनों ही बच्चों का कहना है कि उन्होंने संन्यास का फ़ैसला भले जल्दी लिया हो लेकिन सब सही हैं। 


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