Move to Jagran APP

Mother's Day: आठ माह की बेटी को पीठ पर लेकर कोरोना से जनसुरक्षा का भी जिम्मा निभा रही

Mothers Day एएनएम सुमन तंवर पर मां और नौकरी की दोहरी जिम्मेदारी है। वह आठ महीने की बेटी को संभालने के साथ क्षेत्र के लोगों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने का जिम्मा वे बाखूबी निभा रही हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 08:47 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 08:47 PM (IST)
Mother's Day: आठ माह की बेटी को पीठ पर लेकर कोरोना से जनसुरक्षा का भी जिम्मा निभा रही
आठ माह की बेटी को पीठ पर लेकर कोरोना से जनसुरक्षा का भी जिम्मा निभा रही। फाइल फोटो

अजमेर, संवाद सूत्र। राजस्थान में अजमेर संभाग के भीलवाड़ा जिले के मांडल ब्लाॅक में भीमड़ियास के उप स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त एएनएम सुमन तंवर पर मां और नौकरी की दोहरी जिम्मेदारी है। आठ महीने की बेटी को संभालने के साथ क्षेत्र के लोगों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने का जिम्मा वे बाखूबी निभा रही हैं। झुंझुनूं जिले के बुहाना उपखंड के गाडाखेडा़ निवासी सुमन तंवर ने यहां पिछले साल पांच मई को ज्वाइन किया था। तब चार माह के गर्भ से थीं। भीमड़ियास समेत गोकुलपुरा, राजपुरा, कुमावतों का खेड़ा, सूरजपुरा में तब भी घर-घर सर्वे किया। वे हर दिन 10-15 किलोमीटर पैदल घूमती थीं। अब उनके आठ महीने की बेटी हैं। कोरोना की दूसरी लहर में विभागीय काम बढ़ा। साथ ही, इन दिनों आइएलआइ सर्वे जारी है। बुखार, खांसी, जुकाम से पीड़ितों को घर-घर जाकर दवा दे रही हैं।

loksabha election banner

पंचायत क्षेत्र में कोरोना पाॅजिटिव मरीजों को दवा का किट पहुंचाने, आइसोलेशन में रहने की निगरानी की जिम्मेदारी भी सुमन संभाल रही हैं। आठ महीने की बेटी अनवी साथ होती है। तौलिये से झोला बनाकर पीठ पर बांध लेती हैं, इसमें अनवी रहती हैं। उसके लिए दूध-पानी की बोतल, कुछ बिस्किट, अपना टिफिन, सैनिटाइजर आदि लेकर तय समय पर ड्यूटी के लिए निकल जाती हैं। पिछले साल ज्वाइनिंग के नौवें दिन 14 मई से 15 जून तक उन्होंने गांवों में सर्वे किया था।

मासूम अनवी को भी जैसे मास्क की आदत हो गई

सुमन तंवर ने बताया कि अनवी को कभी उसके पापा प्रविंद्र सिंह के पास छोड़ती भी हैं। छोटी होने से उनके पास रोती है। नजदीक ही होती हैं तो घर जाकर संभालकर वापस काम में जुट जाती हैं, लेकिन दूर जाना होता है तब साथ ले जाती हैं। बेटी को मास्क के साथ झोले में रहने की आदत सी पड़ चुकी है। प्रविंद्र भीमड़ियास में रहकर ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इनके तीन साल का बेटा है, जो गाडाखेड़ा में दादा-दादी के पास रह रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.