Rajasthan: अजमेर में नई नवेली दुल्हन की अचानक हुई मौत, परिजनों ने दर्ज कराई रिपोर्ट
Death Of Bride In Ajmer थानाधिकारी ने कहा कि ससुराल पक्ष ने बताया कि मनीषा दिन में बाथरूम गई लेकिन जब वह बाहर नहीं निकली तो बाथरूम का गेट तोड़ा वहां वह फर्श पर पड़ी मिली। परिजनों ने उसे जेएलएन अस्पताल लाए जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अजमेर, संवाद सूत्र। Death Of Bride In Ajmer: राजस्थान के अजमेर में तीन दिन पहले जो युवती दुल्हन बनकर अपने ससुराल पहुंची वीरवार को उसकी मौत ने परिजनों को झकझोर दिया। मामला संदिग्ध मानते हुए पुलिस ने पीहर पक्ष की रिपोर्ट पर जांच शुरू कर दी है। क्लॉक टावर थाना क्षेत्र में रहने वाली मनीषा सुनारीवाल की शादी 29 नवंबर को सामूहिक विवाह सम्मेलन में हुई थी। थानाधिकारी दिनेश कुमावत ने कहा कि ससुराल पक्ष ने बताया कि मनीषा दिन में बाथरूम गई, लेकिन समय ज्यादा होने पर जब वह बाहर नहीं निकली तो बाथरूम का गेट तोड़ा वहां वह फर्श पर पड़ी मिली। परिजनों ने उसे जेएलएन अस्पताल लाए, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। बाद में पीहर पक्ष को पुलिस ने मौके पर बुलाया, उन्होंने मनीषा की मौत पर शक जताया। पुलिस ने शक जताने पर शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया है व शव परिजनों को सौंप दिया है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इधर, राजस्थान सरकार की इच्छाशक्ति के अभाव में राज्य की महिला नीति पिछले छह साल से लागू नहीं हो सकी है। महिला नीति का ड्राफ्ट तो तैयार हो गया, लेकिन मंत्रिमंडल की मंजूरी नहीं मिलने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका है। राज्य महिला आयोग ने महिला संगठनों एवं कानूनी विशेषज्ञों से चर्चा करने के बाद महिला नीति का ड्राफ्ट तैयार कर तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार को सौंप दिया था, लेकिन तब से लेकर अब तक महिला नीति लागू नहीं हो सकी है। मौजूदा अशोक गहलोत सरकार ने सत्ता में आते ही महिलाओं के अधिकारों व सुरक्षा को लेकर नीति तैयार करने की बात कही थी, लेकिन अब तक इस लिहाज से कोई काम नहीं हो सका।
महिला नीति का ड्राफ्ट राज्य महिला आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष सुमन शर्मा के नेतृत्व में तैयार किया गया था। राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व चेयरमैन ममता शर्मा ने प्रदेश में महिला नीति बनाए जाने की जरूरत बताते हुए कहा कि राज्य सरकार को शीघ्र निर्णय कराने का प्रयास करना चाहिए। ममता शर्मा का कहना है कि महिला अधिकारों को लेकर आयोग को पहले से अधिक अधिकार दिए जाने की जरूरत है। वहीं महिला संगठनों की प्रतिनिधियों के अनुसार महिला नीति के ड्राफ्ट में महिलाओं के अधिकार, स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला हिंसा के साथ ही महिलाओं के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण तथा विधिक मामलों जैसे बिंदुओं को शामिल किया गया था।