राजस्थान में एंटी टैंक मिसाइल नाग के एडवांस वर्जन का हुआ सफल परीक्षण
राजस्थान के रेगिस्तान में एंटी टैंक मिसाइल नाग के उन्नत वर्जन का परीक्षण किया गया। रविवार रात और सोमवार सुबह किए गए मिसाइल के सभी परीक्षण एकदम सटीक रहे।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के रेगिस्तान में एंटी टैंक मिसाइल नाग के उन्नत वर्जन का परीक्षण किया गया। रविवार रात और सोमवार सुबह किए गए मिसाइल के सभी परीक्षण एकदम सटीक रहे। डीआरडीओ की ओर से विकसित और भारत डॉयनामिक्स लिमिटेड की तरफ से निर्मित नाग मिसाइल का परीक्षण सेना के अधिकारियों ने किया।
यह मिसाइल सेना की ओर से तय मापदंडों पर एकदम खरी उतरी। सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वैज्ञानिकों की उपस्थिति में सेना ने एंटी टैंक मिसाइल नाग की मारक क्षमता जांची। इस क्षेत्र में अलग-अलग मौसम में नाग मिसाइल के पूर्व में भी परीक्षण किए जा चुके हैं।
रक्षा मंत्रालय नाग मिसाइल को सेना के लिए खरीदने का ऑर्डर पहले ही दे चुका है। नाग मिसाइल के उन्नत वर्जन में इंफ्रारेड सिस्टम लगाया गया है। इसकी मदद से यह मिसाइल अब अपने लक्ष्य को आसानी से पहचान कर सकती है। इस कारण अब इस मिसाइल की इतनी सटीकता है कि इसे फायर एंड फोरगेट कहा जाने लगा है।
500 मीटर से 5 किमी. तक मारक क्षमता
500 मीटर से लेकर 5 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली यह मिसाइल एक बार में आठ किलोग्राम वारहैड लेकर जाती है। 42 किलोग्राम वजन वाली नाग मिसाइल 1.90 मीटर लम्बी होती है। यह 230 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से अपने लक्ष्य पर प्रहार करती है।
नाग मिसाइल दागने वाले कैरियर को नेमिका कहा जाता है। ऊंचाई पर जाकर यह टैंक के ऊपर से हमला करती है।नाग मिसाइल की विशेषता यह है कि यह उड़ान भरने के बाद अपने ऑपरेटर के पास पूरे क्षेत्र के फोटो भी भेजती रहती है। इससे ऑपरेटर को क्षेत्र में मौजूद दुश्मन के टैंकों की सटीक संख्या पता चल जाती है। इसके आधार पर वह अन्य मिसाइल दाग उन्हें नष्ट कर सकता है। सतह से सतह पर मार करने वाली नाग मिसाइल का एक हवा से जमीन पर मार करने वाला हेलिना वर्जन भी है। इसे हेलिकॉप्टर से दागा जाता है। हेलिना की रेंज 10 किलोमीटर है।