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Rajasthan: एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर, मरीजों की बढ़ीं मुश्किलें

Strike Of Ambulance Staff राजस्थान में मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। इससे 108 व 104 सेवाएं ठप हो गई। इस कारण मरीज़ोंं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग अपने-अपने साधनों से मरीजों को अस्पताल ले जाते देखे गए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 08:15 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 08:15 PM (IST)
Rajasthan: एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर, मरीजों की बढ़ीं मुश्किलें
राजस्थान में एंबुलेंस सर्विस 108 व 104 हड़ताल पर।

जोधपुर, संवाद सूत्र। Strike Of Ambulance Staff: राजस्थान में जोधपुर सहित पूरे प्रदेश में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। इससे 108 व 104 सेवाएं ठप हो गई। इस कारण मरीज़ोंं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग अपने-अपने साधनों से मरीजों को अस्पताल ले जाते देखे गए। बुधवार सुबह से सभी 108 एंबुलेंस और 104 सेवा वाहन को खड़ा कर दिया दिया गया। कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। एंबुलेंस के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया ना करवाने से कर्मचारी नाराज हैं। एंबुलेंस चालकों ने मांगें ना मानने तक प्रदेश में एंबुलेंस व्यवस्था बंद रखने का आह्वान किया है। राजस्थान एबुलेंस कर्मचारी यूनियन के अनुसार, सरकार से बात करने पर हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जाता है और मांगों का समाधान नहीं होता है।

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इन मांगों को लेकर हो रहे परेशान

यूनियन का कहना है कि एंबुलेंस वाहनों में समय पर डीजल नहीं डलवाना, मरम्मत कार्य समय पर नहीं करवाना, एंबुलेस वाहनों में कोरोना से सुरक्षा के लिए मास्क ग्लव्स, सेनिटाइजर इत्यादि उपलब्ध नहीं करवाना, एंबुलेंस कर्मचारियों को बिना कारण कंपनी के अधिकारीयों की ओर से परेशान करना, खटारा एंबुलेंस वाहनों को जबदस्ती चलवाना व उनका डीजल एवरेज के लिए परेशान किया जाता है तथा वेतन वृद्धि रोकने से एंबुलेंस कर्मचारी नाराज हैं। इन एंबुलेंस कर्मचारियों का ठेका दो दिन में समाप्त होने वाला है। एंबुलेंस कर्मचारी चाहते हैं कि नया ठेका नई शर्तों के साथ हो।

मरीज होंगे प्रभावित

एंबुलेंस कर्मचारियों के अनिश्चित हड़ताल पर चले जाने का असर मरीजों पर पड़ना तय है। इसमें सबसे ज्यादा कोरोना के मरीजों का पड़ेगा, जोकि 108 एंबुलेंस के जरिए ही अस्पताल तक ले जाए जाते रहे हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ने वाला है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए शहर लाने में 104 सेवा महत्वपूर्ण रोल अदा करती है।


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