Sindhu Sudarshan: भारतीय सेना की स्ट्राइक कोर ने बाड़मेर में शुरू किया 'सिंधु सुदर्शन' अभ्यास
Sindhu Sudarshan in Barmer. भारतीय सेना की स्ट्राइक कोर ने बाड़मेर में सिंधु सुदर्शन अभ्यास शुरू किया। इसमें करीब 40000 जवान हिस्सा ले रहे हैं।
जयपुर, एएनआइ। भारतीय सेना की स्ट्राइक कोर ने बाड़मेर में 'सिंधु सुदर्शन' अभ्यास शुरू किया है। अभ्यास में करीब 40,000 जवान हिस्सा ले रहे हैं। सेना के जवान भारी-भरकम हथियारों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। अभ्यास के दौरान सेना टैंकों के जरिये भी अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन कर रही है। इस अभ्यास में वायुसेना भी हिस्सा ले रही है।
भारतीय सेना के मुताबिक, अभ्यास में पहली बार शूटर ग्रिड सेंसर का प्रयोग किया जा रहा है। युद्धाभ्यास के दौरान चंद घंटों में दुश्मन के इलाकों को कब्जा करने का पराक्रम जवान दिखा रहे हैं। छह दिन तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में जवान लगातार 12 घंटे तक युद्ध करने का कौशल दिखा रहे हैं।
युद्धाभ्यास के दौरान टैंक और अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों से जमीनी लड़ाई लड़ने के साथ ही युद्ध जीतने के लिए हवाई ताकत का भी प्रयोग किया जा रहा है। हवाई ताकत का अभ्यास करने के लिए जोधपुर एयरबेस से लड़ाकू विमान उड़ान भर कर अपने टारगेट को निशाना बना रहे हैं। युद्धाभ्यास में वायुसेना के सुखोई, मिग, जगुआर और रूद्र दुश्मन के महत्वपूर्ण ठिकानों को ध्वस्त कर रहे हैं।
रक्षा प्रवक्ता कर्नल सोम्बित घोष के मुताबिक, इस युद्धाभ्यास में सेना के जवान अपनी ताकत का प्रदर्शन जोश के साथ कर रहे हैं। थल सेना के साथ वायुसेना का भी सामंजस्य हो रहा है।
गौरतलब है कि पिछले तीन माह से अब तक पोकरण क्षेत्र के आसपास युद्धाभ्यास में फायर पावर का संयुक्त अभ्यास चल रहा था। बीकानेर की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में इन दिनों भारतीय सेना की सदन शक्ति कमान कर सिख रेजिमेंट के सैनिक और फ्रांसीसी सेना की बख्तरबंद ब्रिगेड के समुद्री इफ्रेंटी रेजिमेंट के सैनिक संयुक्त युद्धाभ्यास किया। युद्धाभ्यास के चौथे दिन दोनों देशों के सैनिकों ने अपनी-अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। संयुक्त युद्धाभ्यास का उद्घाटन 31 अक्टूबर को हुआ था। इसे 'सप्त शक्ति-2019' नाम दिया गया है।
फ्रांसीसी सेना के 38 सैनिक भारतीय सैनिकों के साथ मिलकर एक-दूसरे से युद्ध कौशल सीखने में जुटे रहे। इस युद्धाभ्यास के दौरान काउंटर टेररिज्म को लेकर विशेष योजना पर काम किया गया। इस दौरान प्रतिभागी संयुक्त योजना,घेरा और खोज अभियान, खोज और बचाव, संयुक्त सामरिक अभ्यास और विशेष हथियार कौशल की मूल भावना जैसे विषयों पर दोनों देशों के सैनिकों ने काम किया।
सैन्य प्रवक्ता के अनुसार संयुक्त युद्धाभ्यास का मुख्य मकसद दोनों सेनाओं के बीच आपसी तालमेल और सैन्य संबंधों को मजबूत करना है। यह युद्धाभ्यास संयुक्त राष्ट्र के तहत आतंकवादी खतरे का मुकाबला करने के लिए पल्टन स्तर पर संयुक्त अभ्यास चलाने में मदद करेगा।