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Rajasthan Politics: वसुंधरा राजे की गैरमौजूदगी में बनी राजस्थान का अगला चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ने की योजना

Rajasthan Politics भाजपा के चिंतन शिविर में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने साफ किया कि किसी एक नेता के नाम व चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ा जाएगा। चेहरा पीएम मोदी का होगा। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शिविर में शामिल नहीं हुईं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 05:20 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 09:44 PM (IST)
Rajasthan Politics: वसुंधरा राजे की गैरमौजूदगी में बनी राजस्थान का अगला चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ने की योजना
निरोगी स्वास्थ व स्वस्थ मन के संदेश के साथ शुरू हुई भाजपा की दूसरे दिन की चिंतन बैठक। फोटो ट्वविटर

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में "मिशन-2023" की तैयारी में जुटी भाजपा ने सामूहिक नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना बनाई है। पार्टी किसी एक नेता को आगे कर के चुनाव नहीं लड़ेगी। विधानसभा चुनाव से दो साल पहले भाजपा ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी का मानना है कि चुनाव से पहले लगाए जाने वाले होर्डिंग्स और पोस्टरों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ही फोटो लगाए जाएंगे। राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ में बुधवार को भाजपा का दो दिवसीय चिंतन शिविर संपन्न हो गया। शिविर में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने साफ किया कि किसी एक नेता के नाम व चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ा जाएगा। चेहरा पीएम मोदी का होगा। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शिविर में शामिल नहीं हुईं। उम्मीद कि जा रही थी कि वसुंधरा शिविर के दूसरे दिन बुधवार को कुंभलगढ़ पहुंचेंगी, लेकिन वह नहीं पहुंचीं। शिविर में वसुंधरा राजे के दूसरे दिन भी नहीं पहुंचने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि वसुंधरा खेमे का कहना है कि वह अपनी पुत्रवधु के खराब स्वास्थ्य के कारण दिल्ली से बाहर नहीं जा रही हैं।

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शिविर में कांग्रेस के साथ वसुंधरा भी रही मुद्दा

शिविर में शामिल हुए एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ जिला और प्रदेश स्तर पर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है। अशोक गहलोत सरकार की विफलताओं को आमजन तक पहुंचाने की योजना बनाई गई। इस नेता ने बताया कि मंगलवार और बुधवार दो दिन चले शिविर में वसुंधरा भी मुद्दा रही। कांग्रेस के साथ वसुंधरा को लेकर लगभग प्रत्येक नेता ने संतोष के समक्ष व्यक्तिगत मुलाकात में अपनी बात रखी। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के अतिरिक्त शिविर में शामिल होने वाले अधिकांश नेता वसुंधरा विरोधी खेमे के थे। शिविर में आमंत्रित नहीं किए गए उदयपुर संभाग के कुछ नेताओं ने वसुंधरा को पार्टी के लिए जरूरी बताया। इन नेताओं ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों से अलग से मुलाकात की थी। कुछ नेताओं ने विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया द्वारा की जाने वाली विवादास्पद बयानबाजी की शिकायत भी की।

सतीश पूनिया ने कहा, भविष्य की कार्य योजना बनाई गई

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि चिंतन शिविर में मिशन-2023 को लेकर कार्य योजना बनाई गई। चुनाव में क्या-क्या मुद्दे होंगे, पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए, इस पर चर्च हुई। पार्टी द्वारा चलाए जा रहे सशक्त मंडल अभियान के साथ ही राज्य के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों, जिला व संभागों की समीक्षा की गई। यह शिविर भविष्य की कार्ययोजना तय करने को लेकर आयोजित किया गया था। शिविर में संतोष, अरुण सिंह, पूनिया, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, अशोक परनामी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश चौधरी सहित दो दर्जन नेता शामिल हुए। 


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