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राम मंदिर के लिए दौसा में भी तेजी से तराशे जा रहे पत्थर

Ram temple. राजस्थान में भरतपुर के बाद अब दौसा जिले के सिकंदरा में भी पत्थरों तराशी के काम में तेजी हो रही है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 02:21 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 02:21 PM (IST)
राम मंदिर के लिए दौसा में भी तेजी से तराशे जा रहे पत्थर
राम मंदिर के लिए दौसा में भी तेजी से तराशे जा रहे पत्थर

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने और फैसला जल्द आने की उम्मीद को देखते हुए राजस्थान में भरतपुर के बाद अब दौसा जिले के सिकंदरा में भी पत्थरों तराशी के काम में तेजी हो रही है। सिकंदरा में राम मंदिर निर्माण में काम आने वाले तोरण द्वार, पिलर,जाली और झरोखों के साथ ही विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों पर नक्काशी का काम पिछले पांच दिन से तेज हो गया है। भारत के अलावा आस्ट्रेलिया और दुबई में सिंकदरा के सैंडस्टोन पत्थरों की नक्काशी की काफी मांग है।

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अयोध्या भेजने के लिए पांच ट्रक माल तैयार हो चुका है। करीब तीन दर्जन कारीगर भी मंदिर निर्माण का कार्य पूरा होने तक के लिए अयोध्या भेजे जाएंगे। उधर, भरतपुर के बंशी पहाड़पुर की पहाड़ियों से लाल पत्थर निकालने और तराशने का काम तेज हो गया है। यहां बनी कार्यशाला में मंदिर मॉडल के अनुरूप तराशे गए पत्थरों की साफ-सफाई कर चमकाने का कार्य किया जा रहा है। वैसे तो बंशी पहाड़पुर से करीब ढ़ाई दशक से राम मंदिर के लाल पत्थर निकालकर तराशे जा रहे हैं,लेकिन अब इस काम में अधिक तेजी आई है।

सिंकदरा के पत्थर की यह है खासियत

राजस्थान के दौसा जिले में स्थित सिकंदरा में लाल-बलुआ पत्थरों को काटकर जाली, झरोखे, गुंबद, छतरियां, बारसोट, पक्षियों व अन्य कई तरह की आकृतियां बनाई जाती हैं। इन पर नक्काशी का काम जिस तरह से किया जा रहा है, वो मनमोहक है। यहां निर्मित पत्थर की कलाकृतियों की एक बड़ी विशेषता यह है कि इन पर तापमान का कोई असर नहीं होता है। ना तो यह अधिक तापमान में पिघलता है और ना ही कम तापमान में चटकता है। यहां की कलाकृति सैकड़ों सालों तक सुरक्षित रहती है।

सिंकदरा स्टोन कारीगर एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपी सैनी ने बताया कि कुछ साल पहले विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पदाधिकारियों ने राम मंदिर निर्माण की नक्काशी के लिए यहां के कारीगरों से संपर्क किया था। उसके बाद से यहां छोटे स्तर पर कलाकृतियां मंदिर के लिए बनाई जा रही थी। अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद इन कलाकृतियों में नक्काशी का काम तेज हो गया है। उन्होंने बताया कि दिवाली बाद तीन दर्जन कारीगर अयोध्या जाएंगे और वहां काम करेंगे। इसके लिए विहिप ने पैसा देने की पेशकश की थी,लेकिन हम मंदिर निर्माण के लिए तन-मन से सहयोग करेंगे। यहां से कलाकृतियां भी फैसला आने के तत्काल बाद ट्रक में लादकर भेजी जाएगी।

बंशी पहाड़पुर के पत्थर से बनेगी दो मंजिल

यूपी से सटे राजस्थान के भरतपुर में स्थित बंशी पहाड़पुर के लाल पत्थर को निकालने और फिर तराशने का काम करीब ढाई दशक पहले शुरू हुआ था। उस समय विहिप नेता अशोक सिंघल और आचार्य गिरिराज किशोर ने यहां आकर पत्थर का चयन किया था। तब से ही मंदिर निर्माण के लिए खानों से लाल पत्थर निकालने और तराशने का काम चल रहा है। बीच में बंद भी हुआ था। विहिप की भरतपुर इकाई के अध्यक्ष मधुसूदन शर्मा और वरिष्ठ नेता सिद्धार्थ फौजदार ने बताया कि यहां से हजारों टन पत्थर अयोध्या पहुंच चुका है। अब एक बार फिर पत्थर निकालने के काम में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर की पहली और दूसरी मंजिल के 70 पिलर और दीवारें बंशी पहाड़पुर के लाल पत्थर से ही तैयार होगी। इसी पत्थर से रंग मंडप, नृत्य मंडप और विश्राम स्थल का निर्माण होगा।

प्रशासन की पैनी नजर

भरतपुर के जिला कलेक्टर जोगाराम और दौसा जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी निरंतर विहिप की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। इनका प्रयास है कि दोनों स्थानों पर तैयार हो रहे पत्थर तराशने के काम से कहीं किसी तरह का माहौल नहीं बिगड़ जाए। दोनों ही जिला कलेक्टर सरकार को नियमित रूप से रिपोर्ट भेज रहे हैं।

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