Lockdown: राजस्थान में 190 बड़े और 7300 छोटे व मध्यम उद्योगों में काम शुरू
Rajasthan. उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि 190 से अधिक बड़ी औद्योगिक इकाइयां आरंभ हो गई हैं।
राज्य ब्यूरो, जयपुर। Rajasthan. राजस्थान में अर्थव्यवस्था का पहिया घुमाने के लिए उद्योगों में काम शुरू कराए जाने का प्रयास चल रहे हैं। राजस्थान सरकार का दावा है कि प्रदेश में 7300 छोटी और मध्यम इकाइयों के साथ ही 190 बड़े उद्योगों और विशेषकर सीमेंट इकाइयों में उत्पादन शुरू हो गया है।
राजस्थान में वैसे तो सरकार ने पहले लाॅकडाउन के दौरान ही जरूरी सामान के उत्पादन से जुड़े उद्योगों जैसे आटा, तेल, दाल मिल और पैकेजिंग उद्योगों को काम शुरू करने की अनुमति देना शुरू कर दिया था। अब धीरे- धीरे बड़े उद्योगों में भी काम शुरू किया जा रहा है। सरकार के उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि 190 से अधिक बड़ी औद्योगिक इकाइयां आरंभ हो गई हैं।
वहीं, प्रदेश मेें सात हजार तीन सौ से अधिक छोटे और मध्यम औद्योगिक इकाइयों ने भी काम शुरू कर दिया है। मीणा ने बताया कि राज्य कि बड़ी औद्योगिक इकाइयों में सीमेंट सेक्टर के अधिकांश प्लांटों में उत्पादन आरंभ हो गया है। निंबाहेड़ा की एक सीमेंट यूनिट को छोड़ कर अन्य में उत्पादन होने लगा है। निम्बाहेडा में इस समय कोरोना के काफी मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में यहां काम बंद है। मीणा ने कहा कि राजस्थान प्रमुख सीमेंट उत्पादक प्रदेश है। इन सीमेंट इकाइयों में हजारों की संख्या में श्रमिक व कार्मिक कार्यरत होने के साथ ही बड़ी संख्या में अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार उपलब्घ कराया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राज्य में बड़ी सीमेंट इकाइयों के 24 प्लांट कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में अल्ट्राटेक की चार, बिरला उत्तम की दो, बिडला सीमेंट वर्क्स की एक, अंबुजा की एक, एसीसी की एक, जेके सुपर की तीन, श्री सीमेंट की सात, डीएससीएल की एक, वण्डर की एक, नुवोको की एक, जेके की एक और निरमेक्स का एक प्लांट स्थापित है और इनके द्वारा सीमेंट का उत्पादन किया जा रहा है। इनके द्वारा ग्राइण्डिंग इकाइयां भी संचालित हो रही है। उन्होंने बताया कि सीमेंट कंपनियों में उत्पादन जारी होने से जहां एक और निर्माण कार्य को गति मिलेगी, वहीं इस उद्योग से श्रमिकों व प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों के रोजगार के अवसर मिलेंगे।