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Khatu Shyam temple में मची भगदड़ के लिए मंदिर कमेटी व प्रशासन की बड़ी चूक आई सामने, प्रत्यक्षदर्शी बोले-कैसे हुआ हादसा?

राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्यामजी मंदिर में सोमवार सुबह भगदड़ मचने से हुई घटना में मंदिर कमेटी और प्रशासन की बड़ी चूक मानी जा रही है। लोगों की भीड़ भड़ने पर भी मंदिर कमेटी ने रविवार रात 11 बजे ही पट बंद कर दिए थे

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 08 Aug 2022 06:45 PM (IST)Updated: Mon, 08 Aug 2022 06:45 PM (IST)
Khatu Shyam temple में मची भगदड़ के लिए मंदिर कमेटी व प्रशासन की बड़ी चूक आई सामने, प्रत्यक्षदर्शी बोले-कैसे हुआ हादसा?
राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्यामजी मंदिर

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्यामजी मंदिर में सोमवार सुबह साढ़े चार बजे भगदड़ मचने से हुई घटना में मंदिर कमेटी और प्रशासन की बड़ी चूक मानी जा रही है। लोगों की भीड़ भड़ने पर भी मंदिर कमेटी ने रविवार रात 11 बजे ही पट बंद कर दिए थे,जबकि कई बार भीड़ ज्यादा होने पर मंदिर देर रात तक खोला जाता रहा है। जिससे सोमवार को एकादशी होने के कारण भीड़ का दबाव लगातार बढ़ता गया।लोग पूरी रात लाइन में लगे रहे। प्रशासन ने भगदड़ जैसे हालात से निपटने के लिए पहले से ही सुरक्षा इंतजाम नहीं कर रखे थे। पुलिसकर्मियों की संख्या भी मात्र 25 ही थी।

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दर्शन के लिए लगने वाली लाइन का रास्‍ता चार फीट चौड़ा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रतिमाह एकादशी को लगने वाले मेले के दिन यहां करीब पांच लाख श्रद्घालु देशभर से पहुंचते हैं। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे जिला कलक्टर अविचल चतुर्वेदी ने कहा कि मंदिर में दर्शन के प्रवेश मार्ग का दरवाजा खोलते समय भीड़ के दबाव के चलते यह हादसा हुआ है। मृतकों के शव स्थानीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाये गए हैं। शांति देवी और कृपा देवी के शव पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों को सौप दिए गए।

चार महिलाओं की मौत, पांच लोग घायल

गौरतलब है कि भगदड़ मचने से चार महिलाओं की मौत हो गई, वहीं पांच लोग घायल हो गए। हादसा मंदिर के प्रवेश द्वार पर हुआ। सोमवार को एकादशी पर मंदिर में दर्शन करने के लिए रविवार रात से ही श्रद्घालुओं की लाइन लग गई थी।ऐसे में मंदिर के पट (दरवाजे) खुलते ही दर्शन करने को लेकर श्रद्धादुलओं की होड़ में भगदड़ मच गई। लाइन में लगे लोगों को पीछे से धक्का मारा गया,जिससे वे गिर गए और लोग उन्हे रोंदते हुए आगे निकल गए।मृतकों में तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने घटना पर दुख जताया। गहलोत ने घटना की संभागीय आयुक्त विकास सीताराम भाले से जांच करवाने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार ने मृतकों के स्वजनों को पांच-पांच लाख एवं घायलों को 20-20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भगदड़ में दबे लोगों को डेढ़ घंटे तक मदद नहीं

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भगदड़ में दबे लोगों को डेढ़ घंटे तक मदद नहीं मिली। करीब छह बजे प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे तब तक दबे लोग तड़पते रहे। बाद मे पुलिस ने उन्हे अस्पताल मे भेजा,जहां चिकित्सकों ने तीन महिलाओं को मृत घोषित कर दिया।लोगों का कहना है कि यदि समय पर मदद मिलती तो काफी हद तक लोगों को बचाया जा सकता था। मृतक शांति देवी की बेटी पूनम हादसे के बाद से सदमे में है। घटना के बारे में उसने बताया कि हम रविवार रात से लाइन में लगे हुए थे।

सुबह जैसे ही मंदिर के पट खुले तो अचानक हमारे ऊपर 15-20 महिलाएं आकर गिरी ।कई लोग हमें रोंदते हुए दर्शन करने के लिए निकल गए । लोगों को दर्शन करने की जल्दी थी। बड़ी मुश्किल से मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने लोगों को नियंत्रित कर हमें बाहर निकाला । तब तक मां की मौत हो चुकी थी । दस घंटे से लाइन में लगे जयपुर निवासी हेमेंद्र गुप्ता ने बताया कि दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग रविवार रात को ही लाइन में लग गए थे। करीब डेढ़ किलोमीटर तक पैर रखने की जगह नहीं थी। सुबह सबको दर्शन करने की जल्दी थी। ऐसे में भगदड़ हो गई। भीड़ ज्यादा होने के कारण पुलिसकर्मियों को घटनास्थल तक पहुंचने में समय लगा।

धार्मिक स्थलों पर भगदड़ की अन्य घटनाएं

  • इस साल मई में मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक धार्मिक कार्यक्रम में नारियल वितरण के दौरान भगदड़ मचने से 17 श्रद्धालु घायल हो गए थे। जहां धार्मिक प्रवचन दिए जा रहे थे, वहां करीब 25,000 श्रद्धालु मौजूद थे। घटना सागर के बीना कस्बे के खिमलासा रोड पर हुई। घायलों को सिविल अस्पताल और बीना रिफाइनरी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
  • इससे पहले अप्रैल में छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के एक मंदिर में भगदड़ में 22 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। यह घटना ओडगी थाना क्षेत्र के मां कुदरगढ़ी देवी मंदिर में कोरिया जिले के श्रद्धालुओं के एक समूह के बीच विवाद के बाद हुई।

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