Rajasthan: सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को स्पीकर ने दिया नोटिस, देना होगा जवाब
Sachin Pilot राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने सचिन पायलट सहित उनके खेमे के 19 विधायकों को नोटिस जारी किया है। 17 जुलाई तक नोटिस का जवाब देना होगा।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Sachin Pilot: सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री पद और उनके दो समर्थक कैबिनेट मंत्रियों को बर्खास्त किए जाने के बाद राजस्थान में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने पायलट सहित उनके खेमे के 19 विधायकों को नोटिस जारी किया। विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी नोटिस में 17 जुलाई दोपहर एक बजे तक जवाब प्रस्तुत करने का समय दिया गया है। दरअसल, मंगलवार देर रात सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने मेल के माध्यम से एक याचिका दायर कर कहा था कि पायलट और उनके साथी विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल के व्हिप का उल्लंघन करते हुए लगातार दो दिन तक विधायक दल की बैठक में भाग नहीं लिया।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने तुरंत एक्शन लेते हुए रात को ही विधानसभा खुलवाकर सचिन पायलट समेत 19 विधायकों को नोटिस जारी कर दिए। जोशी के समक्ष लिखित जवाब मांगा गया है। विधानसभा की ओर से इन 19 विधायकों को तमाम माध्यमों से नोटिस के संबंध में सूचना भिजवाई जा चुकी है। दो पायलट समर्थक विधायकों गजेंद्र सिंह शक्तावत व रामनिवास गावड़िया के परिजनों ने नोटिस लेने से इंकार किया तो उनके घर के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया गया।
यह हो सकता है, लेकिन इसमें कई तरह की पेचीदगियां हैं
ऐसे में सवाल उठता है कि अगर 19 विधायकों की सदन की प्राथमिक सदस्यता खत्म हो जाए तो फिर विधानसभा में संख्या का क्या गणित रहने वाला है। संविधान के जानकारों का मानना है कि प्रदेश की 200 सदस्यों वाली विधानसभा में 19 विधायकों की प्रथमिक सदस्यता खत्म होते ही इसमें 181 सदस्य रह जाएंगे। सदन में अभी कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं। इनमें से 19 विधायकों की संख्या कम करने पर कांग्रेस के पास 88 सदस्य ही रह जाएंगे। लेकिन जब विधानसभा में सदस्य ही 181 होंगे तो सत्ता में बने रहने के लिए बहुमत का आंकड़ा 92 सदस्यों का होना जरूरी होगा। ऐसी स्थिति में गहलोत सरकार को केवल 4 अन्य सदस्यों समर्थन लेना होगा।
कांग्रेस 10 निर्दलीय विधायकों के साथ ही 2 माकपा व 2 भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायकों का समर्थन हासिल होने की बात कह रही है। अगर इन्हे भी जोड़ लिया जाय तो कांग्रेस के पास 102 की संख्या हो जाएगी। राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश पानाचंद जैन का कहना है कि इस तरह के नोटिस की कोई वैधानिकता नहीं है। विधानसभा के बाहर व्हिप जारी नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस मामले में स्पीकर ने विवेकपूर्ण निर्णय नहीं लिया। उन्होंने कहा कि विधायकों के घरों के बाहर नोटिस चस्पा करने का तरीका भी गलत है। उन्होंने पूरी कार्रवाई को गलत बताया है।
इन्हें दिया गया नोटिस
सचिन पायलट, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, भंवरलाल शर्मा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, हेमाराम चौधरी, गजेंद्र सिंह शक्तावत, रामनिवास गावड़िया, इद्रराज गुर्जर, गजराज खटाणा, राकेश पारीक, मुरारीलाल मीणा, पीआर मीणा, वेद प्रकाश सोलंकी, सुरेश मोदी, मुकेश भाकर, हरीश मीणा, बृजेंद्र ओला व अमर सिंह को नोटिस जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए मुख्य़ सचेतक की ओर से व्हिप जारी किया गया था, लेकिन पायलट खेमे से कोई भी विधायक इसमें नहीं पहुंचा। हालांकि जानकार बताते हैं कि पूरा मामला विधानसभा से बाहर हुआ है और वो अब विधानसभा तक आया है। ऐसे में कई पहलू इसमें आड़े आ सकते हैं। दूसरी तरफ व्हिप जारी होने के साथ ही पायलट खेमे की ओर से कहा गया कि इसका कोई लीगल स्टैंड नहीं है। इसको लेकर पायलट खेमा कोर्ट की शरण में जा सकता है।