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सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकाउंटर केस: सोहराबुद्दीन के भाई रूबाबुद्दीन ने हाईकोर्ट में की अपील

Sohrabuddin-Tulsi Encounter Case सोहराबुद्दीन के भाई रूबाबुद्दीन ने मुंबई की सीबीआई स्पेशल कोर्ट (सेशन कोर्ट) के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 02:59 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 02:59 PM (IST)
सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकाउंटर केस: सोहराबुद्दीन के भाई रूबाबुद्दीन ने हाईकोर्ट में की अपील
सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकाउंटर केस: सोहराबुद्दीन के भाई रूबाबुद्दीन ने हाईकोर्ट में की अपील

उदयपुर, जेएनएन। सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकाउंटर केस एक बार फिर उदयपुर में सुर्खियों में रहा। सोहराबुद्दीन के भाई रूबाबुद्दीन ने मुंबई की सीबीआई स्पेशल कोर्ट (सेशन कोर्ट) के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है। इस केस से जिले के छह पुलिसकर्मी तीन महीने पहले ही बरी होकर उदयपुर लौटे थे। इस केस से जुड़े वकील गौतम तिवारी ने भी इसकी पुष्टि की है।

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वकील गौतम तिवारी का कहना है कि वह सेशन कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं थी। इसलिए हाईकोर्ट में अपील की गई है। वह कोर्ट के समक्ष सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकाउंटर मामले में पूरा पक्ष रखेंगे। मुंबई की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने 21 दिसंबर 2018 को सीबीआई द्वारा बनाए गए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। रूबाबुद्दीन की अपील के बाद उदयपुर में सेवारत उन पुलिसकर्मियों में चिंता बढ़ गई है जो तीन महीने पहले बरी होकर आए थे।

इस मामले में कोर्ट ने सभी 22 आरोपियों, जिनमें 21 पुलिसकर्मी शामिल थे, को बरी कर दिया था। इनमें राजस्थान के इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान, एसआई हिमांशु सिंह, श्याम सिंह, एएसआई नारायण सिंह, कांस्टेबल युद्धवीर सिंह और करतार सिंह सहित गुजरात के 16 पुलिसकर्मी और 1 फार्म हाउस मालिक शामिल हैं।

वकील तिवारी ने बताया कि सेशन कोर्ट के जज एसजे शर्मा ने केस के फैसले में साफ लिखा था कि सीबीआई ने केस में सच तलाशने का प्रयास नहीं किया और पहले से सोची गई कहानी को स्थापित करने का प्रयास किया और उसी के अनुसार गवाहों के बयान भी लिए। केस में 210 गवाहों के बयान हुए थे, जिनमें से 91 होस्टाइल हुए थे।

सीबीआई चार्जशीट में बताई गई कहानी को साबित नहीं कर सकी है, इसलिए सभी को बरी किया जाता है। नेता, आईपीएस और रसूखात पहले ही हो चुके हैं डिस्चार्ज केस में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, राजस्थान नेता-प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, मार्बल व्यवसायी विमल पाटनी, राजस्थान आईपीएस दिनेश एमएन, गुजरात आईपीएस डीजी बंजारा, राजकुमार पांडियन, नरेन्द्र अमीन, अभय चूडास्मा, विपुल अग्रवाल, गीता जौहरी, ओपी माथुर, पीसी पांडे सहित अमित शाह के करीबी बैंकर यशपाल चूडास्मा, अजय पटेल केस की ट्रायल शुरू होने से पहले ही डिस्चार्ज हो चुके हैं। खासबात है कि चार आईपीएस और एक कांस्टेबल के अलावा रूबाबुद्दीन और सीबीआई दोनों ने कभी भी इन नेताओं, रसूखात व्यवसायी और किसी भी आईपीएस के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील नहीं की।

अमित शाह के डिस्चार्ज होने के फैसले के खिलाफ रूबाबुद्दीन ने एक बार हाईकोर्ट में अपील की थी, लेकिन अपनी एप्लीकेशन उसने खुद ही वापस ले ली थी। ऐसे में अमित शाह के केस से डिस्चार्ज होने के फैसले के खिलाफ भी हाईकोर्ट में अपील नहीं हुई। 


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