Rajasthan: सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन और चिकित्सा सुविधा की गारंटी दे सरकारः शिवगोपाल मिश्रा
Rajasthan नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंपलॉइज यूनियन के कार्यकर्त्ता सम्मेलन में ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि नई पेंशन स्कीम से युवा रेल कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। रेलवे अस्पतालों में डॉक्टर योग्य पैरा मेडिकल स्टॉफ चिकित्सा उपकरण उपलब्ध हैं।
अजमेर, संवाद सूत्र। Rajasthan: ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरशन ने वर्षों से संघर्ष करके सेवारत व सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों व उनके परिजन के लिए पेंशन और चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त की हैं। सरकार इस जिम्मेदारी से भागना चाहती है और शेयर मार्केट आधारित नई पेंशन स्कीम और मेडिकल बीमा के तहत, चिकित्सा सुविधाओं की प्रणाली लागू कर रही है, इसका यूनियन पुरजोर विरोध करती है। नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंपलॉइज यूनियन के कार्यकर्त्ता सम्मेलन में ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि नई पेंशन स्कीम से युवा रेल कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। प्रति वर्ष 300 से अधिक रेल कर्मचारी अपनी जान देकर भारतीय रेल का संचालन करते हैं। ऐसे में भारतीय सेना की तरह, भारतीय रेल के कर्मचारियों के लिए भी गारंटेड पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएं।
मिश्रा ने कहा कि भारतीय रेल के सेवारत व सेवानिवृत्त रेल कर्मचारी और उनके परिवारजनों के लिए चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। देशभर में 125 रेलवे अस्पतालों में 14000 बैड उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त 133 प्राइवेट अस्पतालों से भी चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो रही है। रेलवे अस्पतालों में डॉक्टर, योग्य पैरा मेडिकल स्टॉफ, चिकित्सा उपकरण उपलब्ध हैं। कोविड काल में भी रेलवे अस्पतालों ने सराहनीय सेवाएं दी हैं। रेल मंत्रालय इस सुविधा को समाप्त करके ’’चिकित्सा बीमा’’ योजना प्रारंभ करने की कवायद करके, उपलब्ध सामाजिक सुरक्षा समाप्त करना चाहती है। यह स्वीकार्य नहीं है। कार्यकर्त्ता सम्मेलन में शिवगोपाल मिश्रा ने बजट सत्र में सरकार से पुरानी पेंशन स्कीम के तहत पेंशन की गारंटी के साथ आयकर की दरों को कम कर युक्तिसंगत बनाने, रुके हुए महंगाई भत्ते का एक जनवरी 2020 से एरियर सहित भुगतान करने, रात्रि ड्यूटी भत्ते पर लगाई रोक हटाने, देशवासियों को सस्ती, सुगम व सुरक्षित यातायात का संसाधन भारतीय रेल के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए रेल मंत्रालय को पर्याप्त बजटीय समर्थन दिया जाए।
नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंपलॉइज यूनियन के जोनल अध्यक्ष अनिल व्यास और महासचिव मुकेश माथुर ने कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि भारतीय रेल के कर्मचारियों ने कोविड अवधि में भी जान की बाजी लगाई, रेलों का संचालन किया। इस अवधि में गत वर्ष की तुलना में 18 फीसद अधिक माल लदान किया है। ट्रैक का रख-रखाव सुदृढ़ कर मालगाड़ियों की स्पीड दुगुनी की है। कर्मचारियों के खून-पसीने से सीचीं भारतीय रेल का सरकार निजीकरण करने पर आमदा है। इसका पुरजोर विरोध किया जा है। उन्होंने कहा कि कोविड काल में प्राइवेट तेजस एक्सप्रेस मुनाफा नहीं मिलने पर बंद हो गई, लेकिन सरकारी रेलगाड़ी मजदूर स्पेशल, कोविड स्पेशल के नाम से चलती रही। सरकार वर्तमान में नियमित गाड़ियों का संचालन नहीं कर, स्पेशल रेलगाड़ियों के नाम से जनता से अधिक किराया वसूल रही है, ताकि प्राइवेट गाड़ियों के किराये से तुलना करने पर जनता को भ्रमित किया जा सके, लेकिन जनता यह जान चुकी है। यूनियन ’’रेल बचाओ-देश बचाओ’’ आंदोलन के माध्यम से निजीकरण के विरोध के लिए आम जनता को साथ लेकर संघर्ष करेगी। कर्मचारी सम्मेलन को यूनियन के मंडल अध्यक्ष मोहन चेलानी, मंडल सचिव अरूण गुप्ता कोषाध्यक्ष विपुल सक्सैना, जगदीष सारिका जैन ने भी सबोधित किया।