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Rajasthan: जयपुर बम धमाकों में पुलिस ने जिसे सबसे पहले पकड़ा था वही हो गया दोषमुक्त

Jaipur 2008 Blast Case. राजस्थान पुलिस ने इस पर शहबाज हुसैन को सितंबर 2008 में गिरफ्तार किया था।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 12:38 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 12:38 PM (IST)
Rajasthan: जयपुर बम धमाकों में पुलिस ने जिसे सबसे पहले पकड़ा था वही हो गया दोषमुक्त
Rajasthan: जयपुर बम धमाकों में पुलिस ने जिसे सबसे पहले पकड़ा था वही हो गया दोषमुक्त

जयपुर, राज्य ब्यूरो। Jaipur 2008 Blast Case. जयपुर बम धमाकों के मामले में आरोपित बनाए गए पांच लोगों में से एक के मामले में राजस्थान पुलिस की जांच खरी साबित नहीं हुई। आरोपित शहबाज हुसैन को कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। साथ ही, यह माना कि उसके खिलाफ ऐसे कोई सुबूत नहीं हैं, जिससे उसे दोषी माना जाए। जबकि यह वही आरोपित है, जिसे राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने सबसे पहले पकड़ा था।

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जयपुर में बम धमाके 13 मई, 2008 को हुए थे और 14 मई, 2008 को एक ईमेल दो टीवी चैनलों को भेजा गया था, जिसमें इन धमाकों की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन द्वारा लिए जाने का दावा किया गया था। राजस्थान पुलिस ने इस पर शहबाज हुसैन को सितंबर 2008 में गिरफ्तार किया था। आरोप यह था कि उसने उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद स्थित साइबर कैफे नवीन कंप्यूटर्स से यह ईमेल किया था, लेकिन कोर्ट के आदेश के अनुसार पुलिस यह साबित नहीं कर पाई कि यह मेल किसने किया था। अभियुक्त शहबाज के खिलाफ इस बारे में कोई सुबूत नहीं मिला। इसके साथ ही यह भी साबित नहीं हुआ कि शहबाज धमाकों के इस मॉडयूल में शामिल होकर जयपुर के बम धमाकों के षड्यंत्र में अन्य अभियुक्तों के साथ शामिल था।

जब्त कंप्यूटर से भी पुष्टि नहीं

कोर्ट ने माना कि उक्त साइबर कैफे से जब्त कम्प्यूटर से भी शहबाज की इस वारदात में लिप्त होना साबित नहीं हुआ है। इस बारे में पेश एफएसएल रिपोर्ट पूरी तरह से अभियोजन के पक्ष में नहीं है। इसका कोई पुराना अपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है।

कस्टमर रजिस्टर ही जब्त नहीं किया

कोर्ट ने आदेश में कहा कि पुलिस ने साइबर कैफे में रखा हुआ कस्टमर रजिस्टर ही जब्त नहीं किया, जिसके आधार पर यह प्रमाणित होता कि 14 मई 2008 की रात सवा आठ से साढ़े आठ के बीच कौन से कस्टमर वहां आए थे। इसी से शहबाज का साइबर कैफे का इस्तेमाल किया जाना प्रमाणित हो सकता था। कोर्ट ने कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य में भी अभियोजन पक्ष शहबाज के खिलाफ अपराध साबित करने में कड़ी से कड़ी जोड़ने में विफल रहा है।

अन्य मामलों में आरोपित होने से जेल से नहीं छूटेगा

कोर्ट द्वारा जयपुर ब्लास्ट मामले में बरी किए जाने के बाद भी शहबाज अभी रिहा नहीं हो पाएगा, क्योंकि उसके खिलाफ जयपुर जेल में मारपीट के एक केस में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है। इस मामले में जमानत के बाद ही वह जेल से छूट पाएगा।

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