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Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस के बहादुरशाह जफर साबित होंगे अशोक गहलोत: सतीश पूनिया

Rajasthan Political Crisis सतीश पूनिया ने रविवार को कहा है कि कांग्रेस सिर्फ राजस्थान नहीं बल्कि पूरे देश में टूट की शिकार होगी और इसके जिम्मेदार अशोक गहलोत होंगे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 07:16 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 07:16 PM (IST)
Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस के बहादुरशाह जफर साबित होंगे अशोक गहलोत: सतीश पूनिया
Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस के बहादुरशाह जफर साबित होंगे अशोक गहलोत: सतीश पूनिया

राज्य ब्यूरो, जयपुर। राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने रविवार को कहा है कि कांग्रेस सिर्फ राजस्थान नहीं बल्कि पूरे देश में विग्रह (टूट) की शिकार होगी और इसके जिम्मेदार अशोक गहलोत होंगे। शायद वे कांग्रेस पार्टी के 'बहादुर शाह जफर' साबित होंगे। यहां जारी एक बयान में पूनिया ने कहा कि जो भी राजनीतिक संकट आया है, इसके लिए कांग्रेस भाजपा पर तोहमत भले ही लगाती है, लेकिन खुद मुख्यमंत्री अपने प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ जिस तरह की अशोभनीय टिप्पणी कर रहे है, उससे कांग्रेस की टूट साफ नजर आती है। यह टूट राजस्थान ही नहीं पूरे देश में कांग्रेस में होगी तथा इसके जिम्मेदार अशोक गहलोत ही होंगे। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस लोकतंत्र की बात कर रही है। इसके लिए अभियान चला रही है, लेकिन इसी कांग्रेस ने देश में आपातकाल और 91 बार राष्ट्रपति शासन लगाकर चुनी हुई सरकारों को हटाया था।

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मुख्यमंत्री संविधान पढ़ेंः मेघवाल

उधर, विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गहलोत को संविधान पढ़ने की सलाह दी है। मेघवाल का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद- 163 बी में यह स्पष्ट उल्लेख है कि राज्यपाल स्वविवेक से निर्णय ले सकते हैं। मेघवाल ने कहा कि राज्यपाल ने एक बार भी ऐसा नहीं कहा है कि वे सत्र नहीं बुलाएंगे, लेकिन इस बारे में विधिक परीक्षण कराना उनकी जिम्मेदारी है।

गौरतलब है कि राजस्थान में अपनी सरकार बचाने में जुटे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग पर अड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो राष्ट्रपति भवन जाएंगे और प्रधानमंत्री के आवास पर धरना भी देंगे। एक दिन पहले उन्होंने यहां तक कहा दिया था कि अगर जनता राजभवन घेर लेती है, तो उनकी जिम्मेदारी नहीं होगी। विधानसभा का सत्र आहूत करने के लिए दबाव की रणनीति पर चलते हुए उन्होंने शनिवार को फिर कैबिनेट की बैठक कर इसके लिए प्रस्ताव पारित कराया और राज्यपाल से मिलने का फैसला किया। 12 दिन में 5वीं बार शनिवार को विधायक दल की बैठक हुई।


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