राजस्थानः सतीश पूनिया बोले, बेटे को मेयर बनाना चाहते हैं अशोक गहलोत
Satish Poonia. सतीश पूनिया के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत को जोधपुर का महापौर बनाना चाहते हैं।
जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में निकाय चुनाव को लेकर राजनीति और बयानबाजी के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत को जोधपुर का महापौर बनाना चाहते हैं, इसलिए निकाय चुनाव प्रावधानों में बार-बार बदलाव किए जा रहे हैं।
राजस्थान मे निकाय चुनाव के प्रावधानों को लेकर सरकार ने पिछले दिनों तीन बड़े बदलाव किए हैं और महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय करते हुए यह प्रावधान भी कर दिया है कि पार्षद का चुनाव लड़े बिना भी निकाय अध्यक्ष या महापौर बना जा सकता है। इसके अलावा जोधपुर, कोटा और जयपुर में दो-दो निगम बनाने का फैसला भी किया गया है। इन फैसलों को लेकर जहां एक तरफ कांग्रेस में अंदरूनी कलह सामने आई है, वहीं भाजपा भी इसे बड़ा मुददा बना रही है।
इसी के तहत झुंझुनूं में मीडिया से बातचीत में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने बेटे को जोधपुर का महापौर बनाना चाहते हैं, इसलिए वे पार्षद का चुनाव लड़े बिना महापौर बनाने का नियम लेेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार जनता को गुमराह कर रही है। हर रोज नए नियम लागू किए जा रहे हैैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई प्रणाली में परिवर्तन होता है तो सभी से राय और चर्चा करनी चाहिए। लेकिन यहां तो उल्टा हो रहा है। सरकार के उपमुख्यमंत्री कह रहे हैं कि कोई चर्चा ही नहीं हुई। सभी को अखबारों से जानकारी मिल रही है। इसलिए इस प्रणाली और फैसले में खामी साफ तौर पर नजर आ रही है।
राजे पारिवारिक कार्य में व्यस्त
राजस्थान की दो सीटों मण्डावा और खींवसर के उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अनुपस्थिति के बारे में सतीश पूनिया ने सफाई दी कि वसुंधरा राजे व्यक्तिगत पारिवारिक कार्यों के चलते व्यस्त हैं। उन्होंने अपनी इस व्यस्तता के बारे में पार्टी को पहले ही अवगत करवा दिया था। ऐसे में उनका प्रचार अभियानों में नहीं आने या नहीं दिखने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
पूनिया ने कहा कि राजे जल्द ही राजस्थान आएंगी और पार्टी के लिए काम भी करेंगी। फिलहाल, वे व्यक्तिगत कारणों से पार्टी गतिविधियों में भाग नहीं ले पा नहीं ले पा रहीं हैं। पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चिंता है कि वसुंधरा राजे क्यों प्रचार में नहीं आईं और क्यों पदभार ग्रहण में नहीं आईं, लेकिन मुख्यमंत्री को यह चिंता होनी चाहिए कि उनके उपमुख्यमंत्री और मंत्री सरकार के निर्णयों पर क्या बोल रहे हैं।