Rajasthan Political Crisis: संजय जैन ने भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के बेटे के साथ बनाई थी कंपनी
Sanjay Jain एसओजी की जांच में सामने आया कि प्रदेश में वसुंधरा राजे सरकार के दौरान तत्कालीन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के संजय जैन से काफी निकटतम रिश्ते थे।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Sanjay Jain: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को अस्थिर करने और विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में गिरफ्तार किए गए संजय जैन के भाजपा नेताओं के साथ निकट संबंध होने की बात सामने आई है। एसओजी की जांच में सामने आया कि प्रदेश में वसुंधरा राजे सरकार के दौरान तत्कालीन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के संजय जैन से काफी निकटतम रिश्ते थे। परनामी के बेटे उदय परनामी के साथ मिलकर संजय जैन ने साल 2016 में कुबेर प्राइम इंफ्रास्ट्रक्चर नाम से एक कंपनी बनाई थी। पाटर्नशिप में दोनों ने व्यापार किया। हालांकि करीब दो साल पहले उदय परनामी इस कंपनी से अलग हो गया।
संजय जैन ने उदय परनामी की जगह अपनी पत्नी विनीता को पार्टनर बना लिया। इस बारे में उदय परनामी का कहना है कि हम कोल सेक्टर में काम करना चाहते थे, लेकिन बाद में मैं इस कंपनी से अलग हो गया। मैंने संजय जैन के साथ काम नहीं किया। उस समय संजय जैन से किसी परिचित के माध्यम से मुलाकात हुई थी। उल्लेखनीय है कि संजय जैन को चार दिन पहले एक ऑडियो सामने आने के बाद गिरफ्तार किया गया है। इसमें कथित रूप से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कांग्रेस के बागी विधायक विश्वेंद्र सिंह व भंवरलाल शर्मा के साथ संजय जैन की बातचीत होना बताया गया है। ऑडियो में विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात होती सुनाई दे रही है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) इस मामले की जांच कर रहे हैं। एसओजी ने गजेंद्र सिंह, विश्वेंद्र सिंह व भंवरलाल शर्मा को आवाज के नमूने देने के लिए नोटिस भी दिया है।
वहीं, कांग्रेस विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने आरोप लगाया था कि विधायकों की खरीद-फरोख्त व ऑडियो जारी करने के मामले के गिरफ्तार आरोपित संजय जैन ने उनसे करीब आठ माह पहले संपर्क किया था। गुढ़ा ने रविवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि जैन उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व अन्य भाजपा नेताओं से मिलाना चाहता था। उन्होंने कहा कि संजय जैन काफी समय से एक्टिव था, उसके जैसे अन्य कई लोग सक्रिय थे। उल्लेखनीय है कि गुढ़ा ने करीब एक सप्ताह पूर्व भी आरोप लगाया था कि उनके पास 35 करोड़ रुपए का ऑफर देने के लिए लोग आए थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास 100 से अधिक विधायक हैं। अगर हमारे पास बहुमत नहीं होता तो भाजपा वाले फ्लोर टेस्ट कराने की मांग करते। गुढ़ा करीब एक साल पहले बसपा छोड़कर पांच अन्य विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे।