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Rajasthan: संजय दत्त व प्रिया ने सांवलिया जी मंदिर में दर्शन किए, महाराष्ट्र के श्रद्धालु ने भेंट किया बीस किलो का चांदी का पलंग

Rajasthan सांवलिया जी मंदिर मंडल के अध्यक्ष कन्हैयादास वैष्णव ने बताया कि अभिनेता संजय दत्त अपनी बहन प्रिया के साथ मुंबई से सीधे सांवलियाजी के दर्शन करने के लिए ही आए। दोपहर बारह बजे वह उदयपुर के महाराणा प्रताप एयरपोर्ट पर उतरे और सड़क मार्ग के जरिए मंदिर पहुंचे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 08:15 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 09:33 PM (IST)
Rajasthan: संजय दत्त व प्रिया ने सांवलिया जी मंदिर में दर्शन किए, महाराष्ट्र के श्रद्धालु ने भेंट किया बीस किलो का चांदी का पलंग
संजय दत्त और प्रिया ने सांवलिया जी मंदिर में दर्शन किए। फाइल फोटो

उदयपुर/जयपुर, जेएनएन। Rajasthan: बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त रविवार को अपनी बहन पूर्व सांसद प्रिया के साथ चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ के दरबार में दर्शन करने पहुंचे। पट बंद होने के चलते वह पंद्रह मिनट तक एकाग्र शीश झुकाए बैठे रहे। इसके बाद उन्होंने विधि विधान के साथ सांवलिया जी की पूजा की और प्रशंसकों से मिलने के बाद मुंबई लौट गए। वहीं, महाराष्ट्र के एक श्रद्धालु ने बीस किलों चांदी का पलंग सांवलिया जी मंदिर में भेंट किया। सांवलिया जी मंदिर मंडल के अध्यक्ष कन्हैयादास वैष्णव ने बताया कि अभिनेता संजय दत्त अपनी बहन प्रिया के साथ मुंबई से सीधे सांवलिया जी के दर्शन करने के लिए ही आए। दोपहर बारह बजे वह उदयपुर के महाराणा प्रताप एयरपोर्ट पर उतरे और सड़क मार्ग के जरिए मंदिर पहुंचे। उन्होंने सांवलिया जी मंदिर आश्रम में दो घंटे बिताए। इस दौरान उन्होंने मंदिर के इतिहास की भी जानकारी ली। उसके बाद वह सवा दो बजे मंदिर पहुंचे, लेकिन तब तक पट बंद थे। तय समय के अनुसार ढाई बजे मंदिर के पट खुले, तब तक संजय दत्त शीश झुकाए दर्शन की इच्छा में बैठे रहे।

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दोस्त की सलाह पर आए सांवलिया जी

मंदिर मंडल अध्यक्ष वैष्णव ने बताया कि संजय दत्त के सांवलिया जी के दर्शन को लेकर उनके मित्र ने बताया था। संजय ने ही बताया कि उसकी सलाह तथा आग्रह पर वह यहां आए। उन्होंने यह भी कहा कि कामना पूरी होने के बाद वह जल्द ही सांवलियाजी के दरबार में आएंगे। उल्लेखनीय है कि सांवलिया जी का मंदिर दक्षिणी राजस्थान के प्रमुख कृष्णधामों में शामिल है। वह राजस्थान के उन प्रमुख मंदिरों में शुमार है, जहां सबसे अधिक चढ़ावा आता है।

लंग कैंसर से पिछले साल ही उबरे संजय

उल्लेखनीय है कि अभिनेता संजय दत्त को लंग कैंसर हो गया था। जिसके उपचार के लिए वह कई महीनों तक विदेश में रहकर उपचार कराते रहे। पिछले साल ही वह कैंसर से जंग जीतकर भारत लौटे थे।

प्रशंसकों संग सेल्फी

अभिनेता संजय दत्त के सांवलिया जी मंदिर में पहुंचने की बात उनके प्रशंसकों को लगी तो वह भी उनसे मिलने पहुंच गए। मंदिर के बाहर उनसे मिलने के लिए प्रशंसक इंतजार कर रहे थे। जहां अभिनेता उनसे मिले और उनके साथ सेल्फी भी खिंचवाई। हालांकि उन्हें अपनी कार तक जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और एक बार फिर मंदिर में ही घुस गए। जिसके बाद मंदिर मंडल प्रबंधन ने उनको पिछले दरवाजे से भेजा और वह उदयपुर एयरपोर्ट की ओर निकल गए। 

महाराष्ट्र के श्रद्धालु ने सांवलिया सेठ को भेंट किया बीस किलो का चांदी का पलंग

दक्षिणी राजस्थान के प्रसिद्ध कृष्णधाम सांवलिया सेठ को महाराष्ट्र से आए एक श्रद्धालु ने रविवार को बीस किलोग्राम का चांदी का पलंग भेंट किया। रविवार को सांवलिया सेठ के दर्शन के लिए रिकार्ड दर्शनार्थी पहुंचे।बताया गया कि रविवार को पचास हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने सांवलियाजी का दर्शन लाभ लिया। इनमें महाराष्ट्र का भी एक भक्त शामिल था, जिसने सांवलियाजी को उन्नीस किलो 840 ग्राम चांदी का एक पलंग भेंट किया। मंदिर मंडल ने भेंट में मिले चांदी के पलंग की बात की पुष्टि की है और बताया कि भक्त ने परिचय देना नहीं चाहता, इसलिए इसे जाहिर नहीं किया जा सकता। इससे पहले भी कई भक्त सांवलिया जी धाम में सोने-चांदी के आभूषण इत्यादि भेंट में समर्पित करते रहे हैं। रविवार सुबह जब छप्पन भोग की झांकी सजाई गई थी, तब महाराष्ट्र से आए श्रद्धालु ने चांदी का पलंग भेंट में दिया।

हर चतुर्दशी पर खुलता है भंडारा, मिलती है करोड़ों में भेंट

चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया स्थित सांवलिया धाम में हिन्दू महीने के अनुसार अमावस्या से पहले आने वाली चतुर्दशी पर भंडारे खोले जाते हैं। मंदिर मंडल भेंट में आई राशि और भेंट की गिनती करता है। यहां हर महीने मिलने वाली भेंट राशि करोड़ों में होती है। पिछले महीने यहां साढ़े तीन करोड़ रुपए से अधिक की राशि भेंट में मिली, जबकि सौ ग्राम से अधिक सोना तथा एक सौ बीस किलोग्राम चांदी के जेवरात मिले।

यहां विदेश में रहने वाले भारतीय भी विदेशी मुद्रा भगवान को समर्पित करते रहते हैं। मंदिर मंडल इस राशि से मंदिर प्रबंधन के साथ यहां आने वाले भक्तों को नि:शुल्क भोग उपलब्ध कराता है। राजस्थान में संभवत: यह पहला कृष्णधाम है, जहां आने वाले भक्तों को भोजन मंदिर मंडल की ओर से नि:शुल्क मिलता है।


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