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Rajasthan: सचिन पायलट, विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को खाली नहीं करने पड़ेंगे बंगले

Rajasthan सचिन पायलट और दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को जयपुर के सिविल लाइंस में स्थित सरकारी आवास खाली नहीं करने पड़ेंगें। सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने तीनों के आवासों को विधानसभा की आवास समिति के खाते में डाल दिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2021 08:35 PM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2021 08:35 PM (IST)
Rajasthan: सचिन पायलट, विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को खाली नहीं करने पड़ेंगे बंगले
सचिन पायलट, विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को खाली नहीं करना पड़ेगा बंगले। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार से करीब छह माह पूर्व उप मुख्यमंत्री पद से हटाए गए सचिन पायलट और दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को जयपुर के सिविल लाइंस में स्थित सरकारी आवास खाली नहीं करने पड़ेंगें। सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने तीनों के आवासों को विधानसभा की आवास समिति के खाते में डाल दिया है। इस खाते में डालने का मतलब है कि इन तीनों नेताओं के आवास खाली नहीं कराने का रास्ता साफ हो गया। इससे पहले गहलोत सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सरकारी आवास को भी खाली नहीं कराया था। वसुंधरा राजे के आवास को भी विधानसभा की आवास समिति के खाते में डाल दिया गया था।

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मुख्यमंत्री नहीं रहने के बावजूद वसुंधरा राजे को सिविल लाइंस में बड़ा बंगला आवंटित करने का मामला हाईकोर्ट में पहुंचा था, लेकिन उस समय सरकार ने उन्हें वरिष्ठ विधायक बताते हुए विधानसभा की आवास समिति के माध्यम से आवास बरकरार रखने का निर्णय लिया था। दरअसल, सरकार के निमयों के तहत पूर्व मंत्री यदि सरकार आवास को दो माह तक खाली नहीं करता है तो उसे 10 हजार रुपये मासिक किराया देना होता है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी की अध्यक्षता में बनी आवास समिति विधायकों, पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास आवंटित कर सकती है। अब समिति के प्रमुख होने के नाते जोशी को तय करना है कि तीनों नेताओं के सरकारी आवास बरकरार रखा जाए या नहीं। सूत्रों के अनुसार, आपसी बातचीत के बाद ही तीनों नेताओं के आवासों को विधानसभा की आवास समिति के खाते में डाला गया है।

उल्लेखनीय है कि दिसंबर, 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद पायलट, विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को सरकार में शामिल किया गया था। बाद में पायलट खेमे ने बगावत की तो उनके समर्थक मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था। इन तीनों को मंत्री के नाते बड़े बंगले मिले हुए थे। विधायक को छोटा फ्लैट मिलता है। तीनों ने बड़े आवास अब तक खाली नहीं किए। अब गहलोत सरकार ने इनके बंगले बरकरार रखने का मामला विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया। 

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