Coronavirus: राजस्थान में संघ ने डेढ़ लाख परिवारों को पहुंचाई सहायता
Coronavirus. राजस्थान में संघ के कार्यकर्ता अब तक 1.51 लाख परिवारों को राहत पहुंचा चुके है। संघ की ओर से राजसमंद में शिक्षा भारती के 14 स्कूल प्रशासन को भी उपलब्ध कराए गए हैं।
जयपुर, जेएनएन। Coronavirus. कोरोना वायरस संक्रमण के कारण चल रहे लाॅकडाउन में जरूरतमंद लोगों को सहायता पहुंचाने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता भी सक्रिय है। राजस्थान में संघ के कार्यकर्ता अब तक 1.51 लाख परिवारों को राहत पहुंचा चुके है। संघ की ओर से राजसमंद में शिक्षा भारती के 14 स्कूल प्रशासन को भी उपलब्ध कराए गए हैं।
राजस्थान में संघ के कार्यकर्ता प्रत्येक जिले में सभी स्तरों पर प्रशासन से संवाद, सहयोग व समन्वय करते हुए विभिन्न सेवा कार्य कर रहे है। राजस्थान के संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान में 15 मार्च से अब तक 898 शाखाओं के माध्यम से 8213 स्वयंसेवकों द्वारा एक लाख 51 हजार 162 परिवारों को सहायता पहुंचाई गई है। संघ के सेवा कार्यों की शुरुआत कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए काढा पिलाने से हुई थी। इसके बाद पत्रक वितरण और सोशल मीडिया पर जन-जागरण, यातायात संचालन, लॉकडाउन पालना की अपील, पेयजल, भोजन पैकेट, सूखी राशन सामग्री वितरण, वृद्धजनों की देखभाल, स्वच्छता, सैनिटाइजर बनाकर उसका वितरण करना, मास्क निर्माण व वितरण, साबुन बांटने जैसे अनेक कार्य स्वयंसेवक कर रहे हैं। इसके अलावा कोरोना योद्धाओं को मनोबल बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया पर ट्विटर पर सेवा फॉर सोसाइटी व इंडिया थैंक्स हैशटैग से कोरोना के योद्धाओं का अभिनंदन कर सकारात्मक वातावरण बनाने में भी सहयोग कर रहे है।
अग्रवाल ने बताया कि सवाई मान सिंह अस्पताल में मास्क की कमी पूरी करने के लिए स्वयंसेवकों ने अपने परिवारों से 5000 मास्क बनाकर उपलब्ध करवाए। अब तक इन परिवारों द्वारा 87 हजार 775 मास्क बनाए गए हैं। राजस्थान में वंचित वर्ग व घूमंतू बस्तियों में प्रतिदिन भोजन पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं और शुक्रवार तक कल तक पांच लाख 43 हजार 100 भोजन पैकेट वितरित किए जा चुके थे। इसके अलावा पूरे प्रदेश में अब तक सूखी राशन सामग्री के 65 हजार से ज्यादा किट वितरित किए गए है। इस किट में पांच से बीस दिन तक की राशन सामग्री है।
अग्रवाल ने बताया कि संघ के स्वयंसेवकों द्वारा पशु पक्षियों के लिए चारा-चुग्गे की व्यवस्था भी की जा रही है। इसके लिए हरे चारे के 97 ट्रकों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा भ्रामक अफवाहों के चलते पलायन कर रहे प्रवासी श्रमिकों को समझाकर जो जहां हैं, वहीं रहने के लिए भी तैयार किया गया। संघ ने स्थानीय प्रशासन से वार्ता कर आबूरोड,जालोर, बाड़मेर, प्रतापगढ़, उदयपुर ग्रामीण के सायरा प्रखंड, सांगानेर, दौसा, भरतपुर आदि स्थानों पर प्रवासी श्रमिकों के भोजन की व्यवस्था की है।
सोशल डिस्टेंसिंग के लिए राशन किराने की दुकान, सब्जी मंडी, दूध, दवा की दुकानों के बाहर एक-एक मीटर की दूरी पर रेखांकन कर नागरिकों को पंक्तिबद्ध व गोलों में खड़े होने के लिए स्वयंसेवक लगे हुए हैं। श्रमिकों के पलायन व तब्लीगी जमात के देशभर में फैलाव के कारण से सामाजिक संक्रमण न फैले। इसके लिए कई स्थानों पर स्वास्थ्यकर्मियों का सहयोग किया जा रहा है। अजमेर व जयपुर की इकाई में सतत रक्तदान का कार्य भी चल रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र सेवा प्रमुख शिवलहरी के अनुसार, यह सभी कार्य स्वयंसेवकों द्वारा संघ हितैषी, संस्थाओं व परिवारों से आर्थिक व वस्तु का सहयोग प्राप्त कर किया जा रहा है।