दत्तोपंत ठेंगड़ी के जन्मशताब्दी समारोह में RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत बोले, कृषि जींसों से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए
कोटा में भारतीय किसान संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी के जन्मशताब्दी समापन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि फसल का मान बढ़ाना है। वैज्ञानिक परीक्षण का हवाला देकर फसलों के जनकों के साथ छेड़छाड़ की बात कर रहे हैं यह गलत है।
जागरण संवाददाता, जयपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने मंगलवार को कोटा में भारतीय किसान संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी के जन्मशताब्दी समापन समारोह को संबोधित किया। समारोह में देशभर से 100 प्रमुख किसान शामिल हुए । इस दौरान उन्होंने कहा कि फसल का मान बढ़ाना है। फसलों के जींस के साथ काई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए । वैज्ञानिक परीक्षण का हवाला देकर फसलों के जनकों के साथ छेड़छाड़ की बात कर रहे हैं, यह गलत है।
जींस परिवर्तन से खेती के नुकसान को इंगित किया
उन्होंने कहा कि आधी पक्की तकनीक हम क्यों लेंगे, हम व्यवहारिक बात करते हैं, जिसके परिणाम का किसी को पता नहीं है, ऐसी तकनीक हम क्यों लेंगे। विज्ञान आज का विचार है। उन्होंने जींस परिवर्तन से खेती के नुकसान को भी इंगित किया।
किसान खेती में लाभ नहीं देखता, हित देखता है
भागवत ने कहा,खेती किसान का धर्म है। किसान खेती में लाभ नहीं देखता, वह सबका हित देखता है। उन्होंने कहा कि कृषि पेट भरने का व्यापार नहीं है। उन्होंने कहा कि वेदों में कृषि वन और पशु को वैभव माना गया है। कृषि संपूर्ण सृष्टि का पोषण करने वाली है।
10 हजार सालों का कृषि क्षेत्र का अनुभव रखता
उन्होंने कहा कि हमारा देश 10 हजार सालों का कृषि क्षेत्र का अनुभव रखता है। ऐसे में पश्चिमी देशों की तरह प्रकृति विरोधी सिद्धांतों को अपनाने की क्या जरूरत है। उन्होंने कोरोना की चर्चा करते हुए कहा कि इस महामारी ने भारतीय संस्कृति के मूल तत्व की तरफ लौटने को मजबूर कर दिया।
देशभर से 10 हजार ग्राम इकाईयों को जोड़ा गया
इस समारोह को सोशल मीडिया से लाइव किया गया, जिस पर देशभर से 10 हजार ग्राम इकाईयों को जोड़ा गया। इस मौके पर भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आईएन बेस्वेगौडा व महामंत्री दिनेश कुलकर्णी ने भी विचार व्यक्त किए।