Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में फिर सियासी संकट की आहट, कांग्रेस में बढ़ रहा आपसी मनमुटाव और कलह का दायरा
Rajasthan Political Crisis राजस्थान कांग्रेस में बढ़ रहा आपसी मनमुटाव और कलह का दायरा आधे से ज्यादा मंत्रियों में नहीं होती बातचीत विधायकों ने मंत्रियों पर लगाए आरोप राज्य कांग्रेस में आपसी कलह सार्वजनिक हो रही है ।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में आपसी खींचतान और मनमुटाव का दायरा बढ़ता जा रहा है। पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच ही मनमुटाव था। लेकिन अब राज्य सत्ता और संगठन के कुनबे में आपसी कलह खुलकर सामने आने लगी है। हालात यह है कि आधे से ज्यादा मंत्रियों में आपसी बातचीत नहीं है। मंत्रियों के बीच बातचीत नहीं होने से सरकार का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। कांग्रेस विधायक खुलकर मंत्रियों पर अनदेखी और भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे है जिस तरह से आपसी मनमुटाव और खींचतान बढ़ती जा रही है,उससे कभी भी बड़ा राजनीतिक विस्फोट होने की संभावना से नकारा नहीं जा सकता। मंत्रियों में एक-दूसरे के काम नहीं करने और अंतर्विभागीय मामलों को लेकर मतभेद है।
इन मंत्रियों में आपसी कलह
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने मुख्यमंत्री के सामने मंत्रिपरिषद की बैठक में एक-दूसरे को देख लेने की धमकी दी। दोनों के बीच तीन दिन तक विवाद चला। मुख्यमंत्री की काफी कोशिशों के बावजूद दोनों ने मीडिया में कहा कि उनके बीच किसी तरह का विवाद नहीं है। लेकिन अब भी दोनों एक-दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। डोटसरा गहलोत सरकार में शिक्षामंत्री भी है। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया और सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना व चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा और उनके मातहत राज्यमंत्री डॉ.सुभाष गर्ग के बीच अधिकारों को लेकर लंबे समय से कोल्ड वार चल रही है।
इसी तरह धारीवाल और खानमंत्री प्रमोद जैन भाया, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद के बीच जिलों में वर्चस्व को लेकर विवाद काफी समय से चल रहा है। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के धारीवाल व मुख्य सचेतक महेश जोशी के साथ मतभेद हैं। कुछ मुद्दों को लेकर धारीवाल के खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना से मतभेद हैं। विधायक भरत सिंह कई बार खानमंत्री के खिलाफ सार्वजनिक रूप से भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं। वे धारीवाल से भी नाखुश है। विधायक अमिन खान ने विधानसभा में डोटासरा व रघु शर्मा पर विधायकों की अनदेखी का आरोप लगाया था। विधायक हेमाराम चौधरी,वेदप्रकाश सोलंकी,रमेश मीणा,अशोक बैरवा और पी.आर.मीणा कई बार मंत्रियों को सार्वजनिक रूप से घेर चुके हैं।
अध्यक्ष बोले, फेविकोल का जोड़ है
राज्य कांग्रेस में आपसी कलह सार्वजनिक हो रही है। लेकिन डोटासरा का कहना है कि सत्ता और संगठन के साथ ही मंत्रियों व विधायकों में फेविकोल का जोड़ है। सभी एक साथ मजबूती से जुड़े हुए हैं। उन्होंने मंत्रियों, विधायकों में आपसी मतभेद से इंकार करते हुए कहा कि गहलोत सरकार पांच साल का कार्यकाल बेहतर तरीके से पूरा करेगी।