घोड़ी पर सवार होकर दूल्हा आया बिवाह करने, पर दुल्हन हो गई चंपत
गांव में बारात धूमधाम से निकली और बाराती स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेने चले गए। तभी अचानक ऐसी खबर मिली कि दूल्हा और उनके परिजनों के चेहरों से हवाइयां उड़ गई।
उदयपुर, जेएनएन। एक तरफ दूल्हा नवजीवन में प्रवेश के सपने संजोए उल्लासित मन से घोड़ी पर सवार होकर बिंदोली में बारातियों के साथ चल रहा था। गांव में बारात धूमधाम से निकली और बाराती स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेने चले गए। तभी अचानक ऐसी खबर मिली कि दूल्हा और उनके परिजनों के चेहरों से हवाइयां उड़ गई।
मामला उदयपुर जिले के सराड़ा थाना क्षेत्र का है। जिला मुख्यालय से करीब साठ किलोमीटर दूर चावण्ड कस्बे में भरत कुमार पुत्र महेंद्र जैन की शादी की बिन्दौली बुधवार रात निकल रही थी। उसकी शादी फिरोजाबाद (उत्तरप्रदेश) के पवन कुमार जैन की बेटी ममता से थी। शादी के लिए दोनों पक्षों ने लाखों रुपए की खरीदारी की तथा दुल्हन पक्ष विवाह के लिए सराड़ा आया। यहां दुल्हन के माता-पिता, प्रतापगढ़ जिले के धमोत्तर गांव में रहने वाली अपनी बहन और बहनोई एवं अन्य परिजनों के साथ आए और धर्मशाला में ठहरकर शादी की तैयारी में जुटे थे। बुधवार रात शादी होनी थी।
दूल्हा सज-धजकर घोड़ी पर सवार था तथा बारातियों के साथ उसकी बिंदोली निकल रही थी। बताया गया कि दूल्हा बिंदोली लेकर पहुंचा। बारात खाना खाने लगी तभी पता चला कि दुल्हन वहां से गायब है। जिसकी सूचना वधु पक्ष ने सराड़ा थाने में दी। पुलिस ने जगह-जगह नाकाबंदी कराई। पुलिस दुल्हन की तलाश में जुटी तब पता चला कि रात बारह बजे एक युवती दुल्हन के वेश में बस से उदयपुर की ओर रवाना हुई है।
बस चालक ने उसे उदयपुर के सुखेर क्षेत्र में उतारा था। दुल्हन के सुखेर क्षेत्र में होने की जानकारी मिलने पर सराड़ा थाने का सहायक उप निरीक्षक अमृतलाल मीणा एवं अन्य पुलिसकर्मी उदयपुर आए तथा दुल्हन को तलाशने में कामयाब भी हो गए। वह उसे सराड़ा लेकर पहुंचे लेकिन उसने शादी करने से साफ इंकार कर दिया। जैन समाज के लोगों ने समझाया लेकिन वह अपने निर्णय पर डटी रही। दो घंटे तक समझाने के बाद पुलिस की मध्यस्थता में माहौल शांत हुआ और समाज के लोगों की मौजूदगी में युवती को उसके माता-पिता के हवाले कर दिया। इधर, दूल्हा बारातियों के साथ बिना दुल्हन लेकर बैरंग घर लौट गया।