रेवेन्यू रास्तों की 28 एकड़ जमीन पर बिल्डरों और कंपनियों का कब्जा
साइबर सिटी में रेवन्यू रास्तों की 2
संदीप रतन, गुरुग्राम
साइबर सिटी में रेवेन्यू रास्तों की 28 एकड़ जमीन बिल्डरों और कंपनियों के कब्जे में है। 2008-09 में गुरुग्राम में कई बिल्डरों को सोसायटी बसाने के लिए लाइसेंस दिए गए थे। 2008 में नगर निगम का गठन भी हो चुका था। लेकिन बड़े पैमाने पर रेवेन्यू रास्तों पर कब्जा होने के बावजूद दस साल बाद नगर निगम अब जागा है। बिल्डरों ने भी सरकार और अधिकारियों के ढिलाई का जमकर फायदा उठाया और करोड़ों रुपये की बेशकीमती जमीनों पर कब्जा कर लिया। हालात यह है कि कई जगहो पर तो बिल्डरों ने रेवेन्यू रास्ते की जमीन पर कब्जा कर बि¨ल्डग भी खड़ी कर दी है।
हालांकि 30 नवंबर 2017 को शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से रेवेन्यू रास्तों की जमीन बिल्डरों से एक्सचेंज करने के लिए एक पॉलिसी बनाई गई थी, लेकिन इस पॉलिसी पर भी अब विवाद खड़ा हो गया है। निगम अधिकारियों का कहना है कि रेवेन्यू रास्तों की जमीन को एक्सचेंज करने के लिए कलेक्टर रेट को आधार बनाया गया है और बिल्डरों से रेवेन्यू रास्तों की कब्जाई गई जमीन के बदले जमीन ली जाएगी और बदले में मिली जमीन का उपयोग विकास योजनाओं के लिए किया जाएगा। उधर, पार्षदों का कहना है कि जिन रेवेन्यू रास्तों पर बि¨ल्डग बनाई जा चुकी है, उन बि¨ल्डग को कब्जे में लेना चाहिए और जमीन को एक्सचेंज करना सीधे रूप से बिल्डर को फायदा पहुंचाना है। यह मुद्दा कई बार नगर निगम सदन की बैठक में भी उठ चुका है। एक गांव की दूसरे गांव से कनेक्टिविटी व गांव में ही आवागमन के लिए रेवेन्यू रास्ते काटे गए थे। कहां रास्ते की कितनी जमीन पर कब्जा
जोन-1 52 कनाल 2 मरला
जोन-2 84 कनाल 13 मरला
जोन-3 77 कनाल 5 मरला
जोन-4 10 कनाल
कुल 28 एकड़ - वाटिका ने कब्जाई साढ़े छह एकड़ जमीन
सिही गांव की कई एकड़ जमीन पर वाटिका प्राइवेट लिमिटेड का प्रोजेक्ट है। लेकिन इसके साथ ही वाटिका ने रेवेन्यू रास्तों की 52 कनाल 2 मरला जमीन भी कब्जे में ले ली है, यानी वाटिका का करीब साढ़े छह एकड़ जमीन पर कब्जा है। इसके लिए बिल्डर ने किसी तरह की कोई अनुमति भी निगम से नहीं ली थी। इसी तरह पवाला खुसरुपुर में एटीएस प्राइवेट लिमिटेड, कंसेंट वन प्राइवेट लिमिटेड और नियो स्क्वायर प्राइवेट लिमिटेड ने 29 कनाल 4 मरला जमीन पर कब्जा किया हुआ है।
अंसल और पालम विहार का 7 एकड़ पर कब्जा
अंसल पालम विहार और एम 3 एम प्राइवेट लिमिटेड का चौमा गांव की जमीन पर 55 कनाल 9 मरला (लगभग सात एकड़) जमीन के रेवेन्यू रास्तों पर कब्जा किया हुआ है। कहीं पर चारदीवारी कर गेट लगे हुए हैं तो कहीं पर टिन शेड लगाकर कब्जा कर लिया गया है। सिलोखरा गांव में केआर मंगलम और यूनिटेक प्राइवेट लिमिटेड ने 18 कनाल 4 मरले के रास्ते पर कब्जा कर इसे बंद किया हुआ है। ग्वाल पहाड़ी गांव में पारस बिल्डकॉन प्रा.लि., एएसएफ और आइरियो प्रा. लि. ने 10 कनाल 19 मरला जमीन कब्जा ली है।
घाटा गांव में अंसल कंपनी और फ्लोरेंस क्लब, आइरियो प्रा. लि. ने 43 कनाल 2 मरला रेवेन्यू रास्ते की जमीन को कब्जे में ले रखा है। वजीराबाद में डीएलएफ ने 5 कनाल जमीन पर कब्जा कर रखा है। बादशाहपुर में वाटिका ग्रीन फिल्ड प्रोजेक्ट प्रा.लि., विपुल, एम3एम कंसॉलिडेट प्रा.लि. के कब्जे में सात कनाल 11 मरला जमीन है। समसपुर में मेफिल्ड सोसायटी और निर्वाणा कंट्री यूनिटेक ने 2 कनाल 9 मरला जमीन कब्जा रखी है।
निगम पार्षद आरएस राठी का कहना है कि निगम की जमीन एक्सचेंज पॉलिसी में संशोधन करने की जरूरत है। जिन जगहों पर बिल्डरों ने रेवेन्यू रास्तों पर कब्जा कर बि¨ल्डग खड़ी कर दी है, उन बि¨ल्डग को नगर निगम द्वारा कब्जे में लेना चाहिए। -जिन जगहों पर बिल्डरों और कंपनियों का रेवेन्यू रास्ते पर कब्जा है, उन रास्तों की जमीन के बदले बिल्डरों से जमीन ली जाएगी। इस जमीन का उपयोग विकास योजनाओं में करने की योजना है।
-यशपाल यादव, नगर निगम आयुक्त गुरुग्राम।