सांसद ने उठाया मुद्दा- पीएम जन आवास योजना में लगने वाले दस्तावेजों से मिले आमजन को राहत
प्रधानमंत्री जन आवास योजना में लगने वाले दस्तावेजों से मिले आमजन को राहत सांसद भागीरथ चौधरी ने लोकसभा में शीतकालिन सत्र के शून्यकाल में उठाया मुद्दा।
अजमेर, (जेएनएन)। अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी ने संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रथम शून्यकाल में लॉटरी में नाम निकलने पर जनहित के प्रमुख मुद्दों के तहत प्रधानमंत्री जन आवास योजना के अन्तर्गत आमजन को दस्तावेजों की पूर्ति में लगने वाले अनावश्यक समय से राहत दिलाने के उदेश्य से सदन का ध्यान आकर्षित किया और बोला कि वर्तमान में केन्द्र सरकार द्वारा गरीब किसान, जरूरतमंद एवं आम लोगों के लिए प्रधानमंत्री जन आवास योजना के तहत देश के सभी राज्यों में आवास उपलब्ध कराने की महती योजना क्रियान्वित की जा रही है।
इस योजना के तहत सरकार द्वारा पात्र व्यक्ति एवं परिवार को ऋण के साथ-साथ सब्सिडी देने का प्रावधान भी रखा गया है, लेकिन उक्त आवासों के लिए बैंकों द्वारा ऋण देने के लिए जो दस्तावेजों की मांग की जा रही है वो उपलब्ध कराना किसी भी आमजन के लिए बेहद मुश्किल है।
बैंक बेवजह जरूरतमंद लोगों के चक्कर लगवाकर उन्हें अत्यधिक परेशान कर आवास से वंचित कर रहे हैं। इस योजना के तहत गरीब एवं मध्यम वर्ग का आदमी जो कि छोटा-मोटा व्यापार, दुकान करता है, प्राईवेट नौकरी-पेशा, कृषक एवं मजदूरी का कार्य करता है उसके पास इन्कम प्रूफ होना बहुत ही मुश्किल है। आम आदमी प्रधानमंत्री जन आवास योजना में पात्र होने के उपरान्त भी बैंकों की लम्बी-चौड़ी अनावश्यक कागजी खानापूर्ति नहीं कर पाता है तथा बैंकों द्वारा इन दस्तावेजों के नहीं होने पर ब्याज दर 12 से 15 प्रतिशत तक मांगी जा रही है।
साथ ही इन्श्योरेन्स के नाम पर ऋण राशि का 3 से 5 प्रतिशत तक डिमाण्ड की जा रही है, जो कि 30 से 50 हजार तक की राशि हो जाती है। इसी तरह बैंकों द्वारा प्रोसेसिंग फीस के नाम से भी भारी भरकम राशि ली जा रही है। ऐसे में केन्द्र सरकार की इस योजना का समुचित लाभ आमजन को मिल ही नहीं पा रहा है।
चौधरी ने सदन के माध्यम से केन्द्रीय आवास मंत्री से निवेदन किया कि प्रधानमंत्री जन आवास योजना में पात्र व्यक्ति एवं परिवारों से आधार कार्ड, पेन कार्ड व स्थायी पता आदि में से किसी भी दस्तावेज के आधार पर ऋण स्वीकृत करने के निर्देश दिलाकर देश के आमजन को राहत प्रदान करावें।
चयनित सूची को निरस्त कर पुनः सर्वे की मांग—
इसी क्रम में सांसद चौधरी ने सदन को अवगत कराया कि हाल ही में राजस्थान प्रदेश में गत 24 फरवरी 2019 को प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सभा का आयोजन कर प्रधानमंत्री जन आवास योजना के तहत पात्रों की सूची तैयार की गई जो कि प्रदेश कांग्रेस सरकार की मिली भगत के चलते अपने चहेतों एवं कार्यकर्ताओं के नाम जोड़कर बनाई गई है और उसमें अधिकांशतः वास्तविक पात्र व्यक्ति एवं परिवार को सम्मिलित नहीं किया गया है। इसलिए राजस्थान प्रदेश में 24 फरवरी 2019 को आयोज्य ग्राम सभा के द्वारा चयनित सूची को निरस्त कर पुनः सर्वे कराने के आदेश प्रदान कर राजस्थान के हर आम एवं पात्र व्यक्ति को अपना आवास का हक दिलाकर राहत प्रदान करावें।