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Corona Fighter: कर्तव्य की मूर्ति बने राममूर्ति मीना, वीडियो काॅल से किए मां के अंतिम दर्शन

Coronavirus. गांव में मां का देहांत हो गया लेकिन राममूर्ति ने मरीजों के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा किया और वीडियो काॅल से मां के अंतिम दर्शन किए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 03:26 PM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 03:26 PM (IST)
Corona Fighter: कर्तव्य की मूर्ति बने राममूर्ति मीना, वीडियो काॅल से किए मां के अंतिम दर्शन
Corona Fighter: कर्तव्य की मूर्ति बने राममूर्ति मीना, वीडियो काॅल से किए मां के अंतिम दर्शन

मनीष गोधा, जयपुर। Coronavirus. कोरोना वायरस का संक्रमण अब ऐसी कहानियां भी सामने ला रहा है, जो एक तरफ दिल की रुला देती हैं तो दूसरी तरफ उन कहानियों के नायकों के प्रति मन श्रद्धा से भर जाता है। ऐसे की एक कोरोना योद्धा है राममूर्ति मीना। वे जयपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मान सिंह अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए बने आइसोलेशन वार्ड और आईसीयू के नर्सिंग इंचार्ज है। गांव में 30 मार्च को मां का देहांत हो गया, लेकिन राममूर्ति ने मरीजों के प्रति अपने कर्तव्य  को पूरा किया और वीडियो काॅल से मां के अंतिम दर्शन किए। उनसे बात हुई तो बोले यह समय ऐसा है, जब काम पहले है और फिर मुझे अपने बारे में ही नहीं, उन सबके बारे में भी सोचना था, जो गांव में मुझे मिलते। मां के अंतिम दर्शन नहीं कर पाने का दुख अपनी जगह है, लेकिन काम और समाज के प्रति जिम्मेदारी इस दुख से ज्यादा बड़ी है।

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राममूर्ति मीणा राजस्थान के करौली जिले के राणोली गांव के रहने वाले हैं। परिवार में पिता हैं। तीन बड़े भाई हैं। इनमें एक पटवारी और दो शिक्षक थे। तीनों रिटायर हो चुके हैं और गांव में ही रहते हैं। राममूर्ति परिवार के साथ जयपुर के प्रताप नगर में रहते हैं। राममूर्ति बताते हैं कि मां 93 वर्ष की हो गई थीं। परेशान थीं। 30 मार्च को खबर मिली कि मां नहीं रहीं। भाइयों से बात हुई। उन्हें स्थिति पहले से ही पता थी। उन्होंने ही कहा कि तुम अपना काम संभालो, यहां का काम हम देख लेंगे। वीडियो काॅल से मां के अंतिम दर्शन करवा दिए। मन तो बहुत रोया, लेकिन यहां की जिम्मेदारी छोड़ कर जाना संभव नहीं था। सबसे अहम बात यह थी कि संक्रमण के खतरे के चलते मै यहां जयपुर में ही अपने घर नहीं जा रहा हूं तो गांव से कैसे चला जाता। वहां जाता तो मिलने वाले लोग भी खतरे में आ जाते। इसलिए दिल को समझाया और बाल तक नहीं उतरवाए।

सवाई मान सिंह अस्पताल इस समय राजस्थान में कोरोना मरीजों का सबसे बड़ा केंद्र है और राममूर्ति अपनी टीम के साथ कोरोना के पाॅजिटिव मरीजों को संभाल रहे थे। अब नई गाइडलाइंस के तहत वे दो अप्रैल से क्वारंटीन में हैं। अस्पताल के पास ही एक धर्मशाला में उन्हें क्वारंटीन किया गया है। उनका कहना है कि वैसे तो 14 दिन का क्वारंटीन है, लेकिन अभी जब तक खतरा पूरी तरह टल नहीं जाता, तब तक घर नहीं जा पाएंगे। 

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