Rajasthan Political Crisis: मंत्रिपरषद ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए सीएम अशोक गहलोत को अधिकृत किया
राजस्थान के सियासी संग्राम के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा का सत्र बुलाने पर विचार कर रहे हैं।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के सियासी संग्राम के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा का सत्र बुलाने पर विचार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में वरिष्ठ मंत्रियों,संसदीय कार्य व विधि विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की। गहलोत मौजूदा सियासी संकट के पटाक्षेप की कवायद में जुटे हैं। इसी के तहत विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि विधानसभा सत्र बुलाने का अधिकार मंत्रिपरिषद ने सीएम को दे दिया। सीएम जब चाहें राज्यपाल से आग्रह कर विधानसभा सत्र बुला सकते हैं। मौजूदा सियासी संकट पर डोटासरा ने कहा कि स्पीकर, कोर्ट और सरकार अपना-अपना काम करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि षड्यंत्र हारेगा और लोकतंत्र जीतेगा।
दिल्ली में बैठे लोग पैसे के दम पर लोकतंत्र की हत्या करना चाहते हैं। डोटासरा ने कहा कि गहलोत सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। उधर कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी को 13वें दिन भी दिल्ली रोड़ के फेयरमाउंट होटल में जारी रही। इस दौरान विधायकों के साथ पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने चर्चा। वहीं सीएम गहलोत ने अपने सरकारी आवास पर सहकारिता विभाग के अधिकारियों की बैठक ली।
पायलट खेमे ने केन्द्र सरकार को पक्षकार बनाने का किया आग्रह
राजस्थान में पिछले 14 दिन से चल रहा सियासी संकट अब हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। इसी बीच सचिन पायलट खेमे ने एक तरफ सुप्रीम कोर्ट में स्पीकर डॉ. सी.पी जोशी की याचिका पर कैविएट दाखिल कर कहा है कि उनका पक्ष सुने बिना कोई फैसला न किया जाए। वहीं दूसरी तरफ राजस्थान हाईकोर्ट में भी अर्जी लगाकर नोटिस याचिका में केन्द्र सरकार को पक्षकार बनाने का आग्रह किया है। अर्जी में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने संविधान की दसवीं अनुसूची के पैरा-2-ए की संवैधानिकता को चुनौती दी है, इसलिए केंद्र सरकार को इसमें पार्टी बनाया जाए।
उल्लेखनीय है कि सियासी संकट में व्हिप उल्लंघन के मामले में स्पीकर की ओर से सचिन पायलट सहित 19 बागी विधायकों को दिये गए नोटिस की वैधानिकता को लेकर पायलट खेमा हाईकोर्ट पहुंचा था। इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है। हाईकोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुनायेगा