Rajasthan Water Save: पीने का पानी बर्बाद करने वाले को अब मिलेगी सजा
पीने के पानी को बेकार बहाने वाले को अब 5 साल की सजा और 1 लाख तक का जुर्माना या फिर दोनों एक साथ हो सकते हैं। सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी ने संबंध में नोटिस जारी किया है ।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में पीने के पानी की बर्बादी अब करना अब दंडनीय अपराध है। पीने के पानी की बर्बादी अब करना अब दंडनीय अपराध हो गया है। पीने के पानी को बेकार बहाने वाले को अब 5 साल की सजा और 1 लाख तक का जुर्माना या फिर दोनों एक साथ हो सकते हैं। सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी ने संबंध में नोटिस जारी किया है ।
नोटिस के अनुसार भूजल दोहन कर निकाले गए पीने योग्य पानी का सदुपयोग होना चाहिए, दुरूपयोग नहीं। पानी की सप्लाई का काम करने वाले जलदाय विभाग, जल बोर्ड, स्थानीय निकाय व ग्राम पंचायत को पानी बेकार बहने से रोकने के लिए प्रयास करने होंगे। इसके लिए योजना बनानी होगी।
अथॉरिटी में राजस्थान रीजन के निदेशक एस.के.जैन का कहना है कि गाइडलाइन की पालन कराने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी। गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों को सजा और जुर्माना देना होगा। दोनों एक साथ ही लागू हो सकते हैं। प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भू-जलस्त्रोत से हासिल पीने के पानी की बर्बादी नहीं कर सकेगा।
उन्होंने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल पानी की बर्बादी रोकने को लेकर एक याचिका की सुनवाई की थी। एनजीटी ने अथॉरिटी को इस संबंध में गाइडलाइन जारी करने के लिए कहा था। इसी के तहत जुर्माने और सजा का प्रावधान किया गया है। सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी ने संबंध में नोटिस जारी किया है। पीने के पानी की बर्बादी अब करना अब दंडनीय अपराध हो गया है। पीने के पानी को बेकार बहाने वाले को अब 5 साल की सजा और 1 लाख तक का जुर्माना या फिर दोनों एक साथ हो सकते हैं।
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