Move to Jagran APP

Rajasthan: कोर्ट के आदेश में निर्देशित शब्द का प्रयोग स्पीकर के अधिकारों का हनन: गुलाब चंद कटारिया

राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान में सम्भावित संवैघानिक टकराव को देखते हुए एक विशेष अनुमति याचिका दायर की है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 09:09 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 09:09 PM (IST)
Rajasthan: कोर्ट के आदेश में निर्देशित शब्द का प्रयोग स्पीकर के अधिकारों का हनन: गुलाब चंद कटारिया
Rajasthan: कोर्ट के आदेश में निर्देशित शब्द का प्रयोग स्पीकर के अधिकारों का हनन: गुलाब चंद कटारिया

राज्य ब्यूरो, जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका के मामले में राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया का मानना है कोर्ट में आदेश में “निर्देशित“ शब्द का इस्तेमाल स्पीकर के अधिकारों का हनन है राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान में सम्भावित संवैधानिक टकराव को देखते हुए एक विशेष अनुमति याचिका दायर की है। इसके बारे में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं समझता हूं कि जो एक शब्द “निर्देशित“ का प्रयोग कोर्ट द्वारा किया गया है, वह विधानसभा स्पीकर के अधिकारों का हनन है।

loksabha election banner

स्पीकर सीपी जोशी की प्रेस वार्ता के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कटारिया ने कहा कि हाईकोर्ट में चल रहे मामले में पहले तो कोर्ट में स्पीकर से आग्रह किया था कि वह याचिका के संबंध में कोई निर्णय ना दें। लेकिन मंगलवार को जब कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा उसमें “निर्देशित“ शब्द का इस्तेमाल किया जो स्पीकर के अधिकार का हनन है। हालांकि, कटारिया ने यह भी कहा कि अभी

उन्होंने कोर्ट का इस संबंध में पूरा आदेश नहीं पढ़ा है।  पूरा आदेश पढ़ने के बाद ही वे आगे कुछ कह पाएंगे। वहीं प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि मौजूदा समय में स्पीकर को अपनी भूमिका का निर्वाहन करना है और कानून को अपना काम करना है।  पूनिया के अनुसार भारत के लोकतंत्र की यही खूबसूरती है कि इसमें विधायिका में चर्चा के बाद जब किसी चीज का समाधान नहीं होता तो न्यायपालिका उसमें पूरी तरीके से व्याख्या करती है। उन्होंने कहा कि यह कोई पहला घटनाक्रम नहीं है। समय-समय पर इस तरह के अनेक अवसर आए हैं जब संविधानिक व्यवस्थाओं के प्रावधानों की व्याख्या अलग-अलग समय पर हुई है। हम यह मानते हैं कि न्यायपालिका जो भी निर्देशित करती है उसकी पालना सब लोग करते हैं।

बसपा विधायकों के मामले कोर्ट में जाने की तैयारी- उधर बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती देने वाली याचिका पर स्पीकर द्वारा कोई निर्णय नहीं किए जाने के मामले में अब भाजपा कोर्ट में जाने की तैयारी कर रही है। प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि प्रदेश में 6 बसपा विधायकों का कांग्रेस में जिस तरह विलय किया गया वह गलत था। इस संबंध में पार्टी के लोगों ने याचिका लगाई है, लेकिन अब तक उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। पूनिया ने कहा कि अब हम कोर्ट मंे जाने पर विचार कर रहे है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.