Move to Jagran APP

Rajasthan : सूझबूझ से रोजगार...जैविक अवशेष से बना रहे पशुआहार

वेस्ट फूड मटेरियल को पौष्टिक पशु आहार में तब्दील कर रोजगार सृजित कर रहे जोधपुर निवासी इन छात्रों ने पिछले चार साल में अपने उद्यम की विशिष्ट पहचान बना ली है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 12:26 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 12:26 PM (IST)
Rajasthan : सूझबूझ से रोजगार...जैविक अवशेष से बना रहे पशुआहार
Rajasthan : सूझबूझ से रोजगार...जैविक अवशेष से बना रहे पशुआहार

जोधपुर, रंजन दवे। वेस्ट फूड मटेरियल को पौष्टिक पशु आहार में तब्दील कर रोजगार सृजित कर रहे जोधपुर निवासी इन इंजीनियरिंग छात्रों ने पिछले चार साल में अपने उद्यम की विशिष्ट पहचान बना ली है। इनका उद्यम क्रिमांशी राजस्थान में पशु आहार के लिए ख्यात हो गया है।

loksabha election banner

तेजी से बदलती तकनीक की दुनिया सिर्फ हमारे जीवन को आसान नहीं बना रही, नए-नए रास्ते भी खोल रही है। बस, जरूरत माहौल को भांपने, कुछ नया करने की ललक और काबिलियत की है। ऐसे युवा उद्यमी, जो अपनी सूझबूझ से न केवल अपने लिए बल्कि दूसरों के लिए भी नई राह बना रहे हैं, उन लोगों के लिए प्रेरणा हैं, जो नौकरियों की कमी का बहाना बनाकर बेकारी में वक्त गुजारते और सिस्टम को कोसते हैं। संभावनाओं की कहीं कमी नहीं है, यह भी जरूरी नहीं कि भरपूर लागत और उच्च शिक्षा पैमाना है, जरूरत केवल आइडिया की है। दुनिया केवल आइडिया के पीछे भाग रही है। भारत में भी आइडिया को साकार करने के लिए स्टार्टअप योजना मौजूद है। 

वेस्ट फूड मटेरियल को पौष्टिक पशु आहार में तब्दील कर रोजगार सृजित कर रहे जोधपुर निवासी इन इंजीनियरिंग छात्रों ने पिछले चार साल में अपने उद्यम की विशिष्ट पहचान बना ली है। इनका उद्यम क्रिमांशी राजस्थान में पशु आहार के लिए ख्यात हो गया है। युवाओं का कहना है कि कृषि और पशु पालन से जुड़े लोगों को इस रूप में कारगर सहयोग देने के साथ ही ग्रामीण अंचलों में स्वरोजगार का सृजन इनके स्टार्टअप की अवधारणा में शामिल है।

कंपनी के सीईओ निखिल बोहरा बताते हैं, इस पशु आहार के इस्तेमाल से पशुओं की मेडिकल देखभाल में 70 फीसद तक कमी आई। वहीं, दुग्ध उत्पादन में 25 फीसद तक की बढ़ोतरी। हम बाजारों में और घरों में उपयोग में लाई जाने वाली हरी सब्जियां और फलों के अवशेष को एकत्रित करते हैं।

हमारी कंपनी अब राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में भी यूनिट डालने जा रही है। इस प्रोजेक्ट को सरकार की ओर से भी सहायता मिल रही है। सरकार ने हमें हरसंभव मदद देकर प्रोत्साहित किया है। राजस्थान सरकार के साथ-साथ रीको, सीआएआइई अमहदाबाद, विल ग्रो जैसे संस्थानों ने हमारे स्टार्टअप को सराहा है। अब पोल्ट्री और फिशरीज क्षेत्र में भी हम पशु आहार उपलब्ध कराने की योजना बना रहे हैं। इससे अनेक रोजगार सृजित होंगे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.