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Lockdown: राजस्थान में निजी स्कूल संचालक नहीं ले सकेंगे फीस, स्टाफ को भी देना होगा वेतन

Coronavirus. शिक्षामंत्री ने कहा कि जब तक मामले की समीक्षा नहीं की जाती तब तक फीस वसूली नहीं की जा सकेगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 09:57 PM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 09:57 PM (IST)
Lockdown: राजस्थान में निजी स्कूल संचालक नहीं ले सकेंगे फीस, स्टाफ को भी देना होगा वेतन
Lockdown: राजस्थान में निजी स्कूल संचालक नहीं ले सकेंगे फीस, स्टाफ को भी देना होगा वेतन

जागरण संवाददाता, जयपुर। Coronavirus. राजस्थान में लॉकडाउन के कारण निजी स्कूल बच्चों से फीस वसूल नहीं कर सकेंगे। निजी स्कूलों में कार्यरत स्टाफ को भी वेतन देना होगा। इस संबंध में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

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डोटासरा ने कहा कि यदि स्कूल संचालक फीस मांगते या दबाव बनाते हुए पाए गए, तो मामले में कार्रवाई की जाएगी। शिक्षामंत्री ने कहा कि जब तक मामले की समीक्षा नहीं की जाती, तब तक फीस वसूली नहीं की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों को अपने स्टाफ को पूरी सेलरी देनी होगी। कर्मचारियों को वेतन नहीं देने पर भी कार्रवाई की जा सकती है।

उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों को निजी स्कूलों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। डोटासरा ने गुरुवार को शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ चर्चा कर सरकारी एवं निजी स्कूलों में बच्चों की ऑन लाइन पढ़ाई की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के कई निजी स्कूलों ने अभिभावकों को फीस जमा कराने को लेकर मैसेज भेजे थे। वहीं, स्टाफ को मार्च माह का वेतन देने में भी निजी स्कूल संचालक आनाकानी कर रहे थे। 

इस बीच, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरवार को जरूरतमंद पाक विस्थापितों को राशन सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के किसी भी जिले में रह रहे पाक विस्थापित जरूरतमंद परिवारों को राशन सामग्री उपलब्ध कराने में कोई कमी न रखी जाए। गहलोत ने सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा का पत्र मिलने के बाद अधिकारियों को उक्त निर्देश दिए।

सोढ़ा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया था कि राजस्थान के विभिन्न जिलों में करीब छह हजार पाक विस्थापित परिवार रह रहे हैं, उनमें से कई परिवारों को लॉकडाउन के चलते राशन सामग्री की आवश्यकता है। गहलोत ने इस संबंध में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए थे और संबंधित जिलों के कलेक्टरों से रिपोर्ट मांगी गई थी।

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