मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान की रोड़वेज बसें बंद होने के कगार पर
मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान में परिवहन की सरकारी बसें बंद होने के कगार पर पहुंच गई है ।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा । मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान में परिवहन की सरकारी बसें बंद होने के कगार पर पहुंच गई है । देशभर में अपनी बेहतर सेवाओं के लिए पहचानी जाने वाली राजस्थान रोड़वेज की बसों के पहिये थमने(ठहरने) वाले हैं । सरकार की नीतियों और प्रशासनिक बदइंतजामी का शिकार राजस्थान पथ परिवहन निगम (रोड़वेज) में घाटे के कारण अब चालक,परिचालक सहित अन्य कर्मचारियों को वेतन और पेंशन का टोटा पड़ गया है । पथ परिवहन निगम का घाटा 2,700 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है ।
रोड़वेज प्रशासन के सामने अपने चार हजार से अधिक सेवानिवृत कर्मचारियों को पेंशन,ग्रेच्युटी और ओवर टाइम भत्तों के भुगतान का संकट खड़ा हो गया है । सेवानिवृत कर्मचारियों का रोड़वेज पर करीब 310 करोड़ रूपए बकाया है । सेवानिवृत कर्मचारी अपने भुगतान के लिए कोर्ट तक गए । कोर्ट में वादा करने के बावजूद रोड़वेज प्रशासन सेवानिवृत कर्मचारियों का बकाया नहीं दे रहा है ।
बढ़ते घाटे को देखते हुए वित्त विभाग ने रोड़वेज को बंद करने का सुझाव मुख्यमंत्री को दिया है । घाटे के चलते यदि सरकार रोड़वेज बंद करने का निर्णय करती है तो वर्तमान में कार्यरत 20 हजार कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा होने के आसान बन गए हैं । राजस्थान रोड़वेज में एटक यूनियन के अध्यक्ष एम.एल.यादव का कहना है कि सरकार परिवहन निगम को निजी हाथों में सौंपने क तैयारी कर रही है । उन्होंने आरोप लगाया कि रोड़वेज के पास प्रदेश के हर शहर में अपने बस स्टैंड और वर्कशॉप है । इनकी जमीनों पर सत्ताधारी दल के नेताओं की निगाहें है । जयपुर के सिंधी कैम्प बस स्टैंड पर तो सरकार बड़ा व्यावसायिक कॉम्पलेक्स बनाना चाहती है । इसके साथ ही सरकार नए मार्गों पर निजी बसों को परमिट जारी कर रही है । लोक परिवहन बसों को संचालित करने की अनुमति देने के पीछे सरकार का मकसद रोड़वेज को बंद करना ही है । कर्मचारी यूनियन इंटक के महासचिव हनुमान सहाय का कहना है कि सरकार को इसका समाधाना सोचना चाहिए ।अपनी बेहतर सेवाओं के लिए राजस्थान रोड़वेज को अव्वल दर्जा हासिल था । उत्तर भारत के राज्यों के लोग तो राजस्थान रोड़वेज की बसों में ही बैठना पसंद करते थे,लेकिन अब हालात उलट है ।
परिवहन मंत्री बोले,हालात सुधारने का प्रयास
परिवहन मंत्री युनूस खान का कहना है कि रोड़वेज की हालत सुधारने का प्रयास किया जा रहा है । पिछली सरकारों ने रोड़वेज पर ध्यान नहीं दिया अब हम ध्यान दे रहें है । पहले कर्मचारियों को तीन से चार माह में एक बार वेतन मिलता था और अब प्रतिमाह देने के प्रयास किए जा रहे हैं ।
बजट में मुख्यमंत्री ने रोड़वेज की मदद की बात कही है ।
मप्र.में बंद,बिहार में फिर शुरू हुई
राजस्थान के अधिकारियों का कहना है कि मध्यप्रदेश में सरकारी बसों का संचालन बंद है । वहीं बिहार में कुछ सालों पूर्व सरकारी बसों का संचालन बंद कर दिया गया था,लेकिन जनता के दबाव में फिर शुरू करना पड़ा । अब वित्तीय संकट के चलते राजस्थान में भी रोड़वेज बंद होने के कगार पर पहुंच गया है ।