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Rajasthan Politics : पूर्व मंत्री बोली, पांचवा सत्र विधानसभा राजस्‍थान के इतिहास का काला अध्याय

Rajasthan Politics राजसमंद से भाजपा विधायक एवं पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी का कहना है कि वर्तमान विधानसभा का 5वां सत्र इसके इतिहास का काला अध्याय है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 09:24 PM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 09:24 PM (IST)
Rajasthan Politics : पूर्व मंत्री बोली, पांचवा सत्र विधानसभा राजस्‍थान के इतिहास का काला अध्याय
Rajasthan Politics : पूर्व मंत्री बोली, पांचवा सत्र विधानसभा राजस्‍थान के इतिहास का काला अध्याय

उदयपुर, जागरण संवाददाता। राजसमंद से भाजपा विधायक एवं पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी का कहना है कि वर्तमान विधानसभा का 5वां सत्र इसके इतिहास का काला अध्याय है। तीन दिन के सत्र में एक दिन तो सरकार ने विश्वास मत में व्यर्थ कर दिया। जब प्रतिपक्ष को उनके बहुमत में अविश्वास ही नहीं था तो विश्वास मत की नौटंकी क्यों की गई, इसे जनता समझ रही है। 

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पहली बार नहीं, विधायकों के साथ सुरक्षाकर्मी ने धक्का मुक्की की

पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी का कहना है कि एक दिन में 13 विधेयक चर्चा के नाम पर मात्र औपचारिकता पूरी कर पारित करवाना लोकतंत्र का प्रहसन ही है। विधानसभा अध्यक्ष किसी सदस्य को अपने विचार व्यक्त करने तक नहीं दे रहे थे। नियमों की मनमानी व्याख्या करके सदन की गरिमा मिट्टी में मिलाई जा रही थी। स्वयं अध्यक्ष ने प्रतिपक्ष के उपनेता को बाहर निकालने का प्रस्ताव रखवाया और विधायकों के साथ सुरक्षाकर्मियों ने धक्का मुक्की की। ऐसा सदन के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। 

जोशी की कार्यशैली से सदन अध्यक्ष की गरिमा को आघात पहुंचा

किरण माहेश्वरी ने कहा कि डॉ. सी.पी. जोशी की कार्यशैली से सदन के अध्यक्ष की गरिमा को आघात पहुंचा है। वे भिखारी पुनर्वास संशोधन विधेयक में अनावश्यक संशोधन पर ही बोल रही थी। विधेयकों की प्रासंगकिता पर बोलना विधायकों का अधिकार है। किन्तु उन्हें रोका गया। अहंकार, अभिमान एवं अपने को सर्वज्ञ समझने की उनकी कार्यशैली ने सदन में अध्यक्ष चुनने की व्यवस्था पर ही प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए है।

सामाजिक सुरक्षा वृति की न्यूनतम राशि 1200 रु. प्रतिमाह हो

पूर्व मंत्री माहेश्वरी का कहना है कि उन्होंने राज्य सरकार का ध्यान वरिष्ठ, विधवा एवं दिव्यांगजनों की सामाजिक सुरक्षा एवं कोरोना आपदा में उन्हें हो रही कठिनाइयों की और आकर्षित किया। देश के अन्य कई राज्यों ने कोरोना आपदा के कारण सामाजिक सुरक्षा वृत्ति की राशि को बढ़ाया है। राजस्थान सरकार राहत पहुंचाने के बड़े बड़े दावे करती है, किन्तु प्रदेश के सर्वाधिक लाचार वर्ग को समय पर सहायता नहीं दे पाई। माहेश्वरी ने कहा कि राजस्थान सरकार न्यूनतम सामाजिक सुरक्षा वृत्ति की राशि 1200 रुपए प्रति माह एवं 75 वर्ष से अधिक आयु होने पर 2000 रुपए प्रतिमाह करे। इससे समाज के सबसे अधिक अभावग्रस्त वर्गों को सामाजिक सम्बल मिलेगा।


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