Move to Jagran APP

Rajasthan Political Crisis: गहलोत समर्थकों ने कलेक्ट्रेट घेरा, पायलट विरोधी कांग्रेसी सक्रिय

राजस्थान में कांग्रेस की निर्वाचित सरकार को गिराने के षडयंत्र के खिलाफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थकों ने शनिवार को जबरदस्त उत्साह दिखाते हुए कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 06:22 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 06:22 PM (IST)
Rajasthan Political Crisis: गहलोत समर्थकों ने कलेक्ट्रेट घेरा, पायलट विरोधी कांग्रेसी सक्रिय
Rajasthan Political Crisis: गहलोत समर्थकों ने कलेक्ट्रेट घेरा, पायलट विरोधी कांग्रेसी सक्रिय

अजमेर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में कांग्रेस की निर्वाचित सरकार को गिराने के षडयंत्र के खिलाफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थकों ने शनिवार को जबरदस्त उत्साह दिखाते हुए कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का संदेश राजनीतिक दृष्टि से यह देने का प्रयास रहा कि सचिन पायलट के कार्यकाल में गहलोत समर्थकों की उपेक्षा हुई। सचिन पायलट को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद यह पहला बड़ा प्रदर्शन था। चूंकि इन दिनों जिला कांग्रेस कमेटियां भी भंग हैं, इसलिए यह प्रदर्शन पूरी तरह गहलोत समर्थक नेताओं के नियंत्रण में रहा। गहलोत के समर्थक नेताओं ने ही भीड़ जुटाने का काम किया। पायलट के अध्यक्ष रहते जो नेता सक्रिय नजर आते थे, प्रदर्शन में निष्क्रिय रहे एवं  बीमारी का बहाना कर प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए।

loksabha election banner

जानकारी के अनुसार प्रदर्शन की कमान अशोक गहलोत समर्थक पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती ने संभाली हुई थी।  बाहेती ने बताया कि शहर जिला कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान अध्यक्ष विजय जैन, देहात अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राठौड़, पूर्व मेयर कमल बाकोलिया आदि नेता बीमार हैं, इसलिए प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए हैं, अलबत्ता इन सभी नेताओं ने प्रदर्शन के प्रति अपनी सहमति जताई है। डॉ. बाहेती ने कहा कि पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर, प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हेमंत भाटी, राजू गुप्ता जैसे नेताओं के बारे में कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन में महेन्द्र सिंह रलावता, जसराज जयपाल, डेयरी अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी, पूर्व विधायक श्रीमती नसीम अख्तर, ललित भाटी, नाथूराम सिनोदिया, दीपक हासानी, सुमित मित्तल, ब्रह्मदेव कुमावत, महेन्द्र सिंह गुर्जर, मुनव्वर कायमखानी, सुरेश राठौड़, गुलाम मुस्तफा आदि हजारों कार्यकर्ता उपस्थित रहे। डॉ. बाहेती ने कहा कि भाजपा के नेता राज्य में कांग्रेस की निर्वाचित सरकार को गिराने का षडय़ंत्र कर रहे हैं। डॉॅ बाहेती ने राज्यपाल कलराज मिश्र से भी मांग की कि विधानसभा का सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाए। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि कांग्रेस के कुछ विधायक भाजपा के बहकावे में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि अजमेर जिले में कांग्रेस के कार्यकर्ता एकजुट हैं।

यहां यह उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट के कार्यकाल में अजमेर में सबसे ज्यादा उपेक्षा डॉ. बाहेती की ही हुई थी। लेकिन डॉ. बाहेती ने अशोक गहलोत का दामन नहीं छोड़ा। जो लोग पायलट के कार्यकाल में डॉ. बाहेती से नमस्ते करने में भी हिचक रखते थे उन्होंने ने भी 25 जुलाई को डॉ. बाहेती के पास अपनी हाजिरी भरवाई। नहीं आने वाले नेताओं ने भी डॉ. बाहेती को ही सूचना दी।

फिजिकल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी:

कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान कलेक्ट्रेट के बाहर से लेकर कलेक्टर कक्ष तक फिजिकल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी। कोरोना काल में फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन करने वाले आम व्यक्ति पर जुर्माना वसूजा जा रहा है। लेकिन 25 जुलाई को कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान सरकारी मशीनरी मूक दर्शक बनी रही। कोरोना काल में पिछले दिनों जब कुछ पार्षद कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन करने आए थे, तब पुलिस ने पार्षदों को गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तार होने वालों में मेयर धर्मेन्द्र गहलोत और पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल भी शामिल थे। लेकिन 25 जुलाई को किसी भी पुलिस कर्मी ने फिजिकल डिस्टेंसिंग की पालना करवाने में रुचि नहीं दिखाई। कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर सैंकड़ों कार्यकर्ता आपस में सटकर नारेबाजी कर रहे थे, वहीं ज्ञापन देने के लिए कलेक्टर कक्ष में भी भीड़ जमा हो गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.