Rajasthan News: मेवाड़ के कुछ इलाकों में मंडरा रहा जोशीमठ जैसा खतरा, राजसमंद की स्थिति सबसे नाजुक
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्र आनंद गिरि ने कहा है कि जोशीमठ की तरह से मेवाड़ के कुछ इलाकों के हालत होने वाले हैं। उन्होंने कहा राज्य सरकार जल्द ही इसपर ध्यान दे वरना हालात जोशीमठ जैसे हो जाएंगे। साथ ही उन्होंने कई अहम मुद्दों पर अपना पक्ष रखा।
उदयपुर, ऑनलाइन डेस्क। जोशीमठ की तरह मेवाड़ के कुछ हिस्से भी जोखिम के मुहाने पर हैं जिसमें सबसे ज्यादा खतरा राजसमंद में है। दरअसल, यहां पर मार्बल और अन्य खनिज की खुदाई के लिए पहाड़ों को खोखला कर दिया गया है। यदि राज्य सरकार और अधिकारियों ने समय रहते ध्यान नहीं दिया तो इसका बहुत खतरनाक परिणाम भुगतना पड़ सकता है। यह बात जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्र आनंद गिरि ने कही है। वे श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा में आयोजित एक विवाह समारोह में शामिल होने आए थे, उसी दौरान यह बात कही।
राजसमंद के पहाड़ हुए खोखले
महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्र आनंद गिरि ने कहा कि जोशीमठ पर आया संकट केवल मानव द्वारा प्रकृति से की गई छेड़छाड़ का परिणाम है। इसी तरह मेवाड़ के कुछ हिस्से विशेषकर राजसमंद भी जोखिम के मुहाने पर है। जहां अवैज्ञानिक तरीके से लगातार खुदाई कर के पहाड़ों को खोखला कर दिया गया है। उन्होंने कहा, "यदि समय पर ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में इसके परिणाम भी उसी तरह सामने आएंगे जिस तरह जोशीमठ के आ रहे हैं। इस मामले में सरकारों को समय रहते उचित कदम उठाने चाहिए ताकि विकसित हो रहे शहरों को बचाया जा सके।"
धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ दर्ज हो आपराधिक मुकदमा
उन्होंने मेवाड़ में विशेषकर आदिवासियों में हो रहे धर्मांतरण को लेकर कहा कि जो लोग हिंदुओं को बहला-फुसलाकर ईसाई बना रहे हैं या लव जिहाद या अन्य माध्यमों से धर्मांतरण कराने में लगे हैं, उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि किसी भी आदिवासी को प्रलोभन में आकर धर्म परिवर्तन नहीं करना चाहिए।"
मदरसों में दी जारी शिक्षा पर उठाए सवाल
उन्होंने मदरसों में दी जा रही धार्मिक शिक्षा को लेकर भी आपत्ति जताई और कहा कि सरकार इन पर नियंत्रण क्यों नहीं करती। सरकार यह देखें कि धार्मिक शिक्षा के नाम पर किस तरह की शिक्षा दी जा रही है। जब भी कोई आतंकी पकड़ा जाता है तो उसके संबंध मदरसों से ही पाए जाते हैं। जो मदरसे राष्ट्रगीत और राष्ट्रीय पर्व को नहीं मनाते हैं उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज कर उन्हें तत्काल प्रभाव से बंद कर देना चाहिए।
सनातन धर्म में दवा के साथ दुआ पर भी जोर
बागेश्वर धाम के चमत्कारों और पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के मामले में उन्होंने कहा कि वह यह नहीं कह रहे कि बीमार हो तो दवाई मत लो या इलाज मत कराओ। वह तो यह कह रहे है कि हनुमान जी की कृपा से सब सही होगा। मेडिकल साइंस भी यही कहता है कि दवा के साथ दुआ भी जरूरी है। उन्होंने आस्था को लेकर सवाल उठाने वालों को गलत बताते हुए कहा की सनातन धर्म हमेशा से ही दवा के साथ दुआ पर जोर देता रहा है। हमारे वेदों में एक तरफ बीमारी और उनके उपचार के बारे में जानकारी दी हुई है वही दुआ को लेकर भी जानकारी उपलब्ध है।
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