राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने पर सीएम गहलोत ने कहा- 'तानाशाही का एक और उदाहरण'
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्या रद्द कर दी गई है जिसके बाद कांग्रेस के कई नेताओं और मंत्रियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सीएम गहलोत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह तानाशाही का एक और उदाहरण है।
जयपुर, पीटीआई। राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से मानहानि केस में दो साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद आज यानि शुक्रवार को राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई है। इसपर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत शुक्रवार को सांसद पद से राहुल गांधी की अयोग्यता पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस नेता देश की आवाज हैं और वह तानाशाही के खिलाफ मजबूती से सामने आएंगे।
'तानाशाही का एक और उदाहरण'
सीएम गहलोत ने एक ट्वीट में कहा, "लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता तानाशाही का एक और उदाहरण है। बीजेपी को यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने इंदिरा गांधी के खिलाफ भी यही तरीका अपनाया था और उन्हें इसके परिणाम भुगतने पड़े थे।" उन्होंने कहा, "राहुल गांधी देश की आवाज हैं, जो अब इस तानाशाही के खिलाफ और मजबूत होंगे।"
'असत्य के आगे झुकने वाले नहीं'
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गांधी ने महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और हिंसा का मुद्दा उठाया। भाजपा सरकार उन पर ध्यान देने के बजाय उनके खिलाफ दमनात्मक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी सत्य एवं अहिंसा के सिपाही हैं। सरकारी तंत्र के दबाव में आकर वे असत्य के सामने झुकने वाले नहीं हैं।
प्रिंयका गांधी ने भी किया ट्वीट
राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने कहा, "नीरव मोदी घोटाला- 14,000 Cr ललित मोदी घोटाला- 425 Cr मेहुल चोकसी घोटाला- 13,500 Cr जिन लोगों ने देश का पैसा लूटा, भाजपा उनके बचाव में क्यों उतरी है? जांच से क्यों भाग रही है? जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं उन पर मुकदमे लादे जाते हैं. क्या भाजपा भ्रष्टाचारियों का समर्थन करती है?"
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, "भरी संसद में आपने पूरे परिवार और कश्मीरी पंडित समाज का अपमान करते हुए पूछा कि वह नेहरू नाम क्यों नहीं रखते, लेकिन आपको किसी जज ने दो साल की सज़ा नहीं दी। आपको संसद से डिस्क्वालिफाई नहीं किया। राहुल जी ने एक सच्चे देशभक्त की तरह अडानी की लूट पर सवाल उठाया।"
सूरत कोर्ट ने दी दो साल की सजा
दरअसल, पिछले गुरुवार को राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने 2019 में दर्ज किए गए 'मोदी सरनेम' मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही उन्हें जमानत दे दी गई थी, ताकि वो अगले तीस दिनो के अंदर आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल कर सके। इसी बीच उनकी लोकसभा की सदस्यता भी रद्द कर दी गई है।