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Rajasthan: सोनिया गांधी से बात किए बिना सत्ता और संगठन में नहीं होगा बदलाव: अशोक गहलोत

Rajasthan Politics वन टू वन संवाद के दौरान विधायकों ने अजय माकन से कहा कि मौजूदा मंत्रियों के भरोसे 2023 के विधानसभा चुनाव में दोहरा अंक पार नहीं कर सकेंगे। जनता से जुड़े विभागों के मंत्रियों को जल्दी नहीं हटाया गया तो कांग्रेस को नुकसान होगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 06:18 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 09:33 PM (IST)
Rajasthan: सोनिया गांधी से बात किए बिना सत्ता और संगठन में नहीं होगा बदलाव: अशोक गहलोत
विधायक बोले-इन मंत्रियों के भरोसे डबल डिजिट पार नहीं कर सकेंगे। अशोक गहलोत

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में सत्ता और संगठन में आमूलचूल फेरबदल को लेकर कसरत की जा रही है। कांग्रेस आलाकमान अशोक गहलोत मंत्रिमंडल और संगठन में बड़े पैमाने पर फेरबदल करने की तैयारी में जुटा है। इसी के तहत प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने जयपुर में कांग्रेस विधायकों के साथ ही गहलोत सरकार को समर्थन कर रहे 13 निर्दलियों के साथ रायशुमारी की है। बुधवार से शुरू हुई रायशुमारी बृहस्पतिवार शाम खत्म हुई। वन टू वन संवाद के दौरान विधायकों ने अजय माकन से कहा कि मौजूदा मंत्रियों के भरोसे 2023 के विधानसभा चुनाव में दोहरा अंक (डबल डिजिट) पार नहीं कर सकेंगे। विधायकों ने कहा कि जनता से जुड़े विभागों के मंत्रियों को जल्दी नहीं हटाया गया तो कांग्रेस को नुकसान होगा।

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अजय माकन द्वारा की जा रही रायशुमारी के बीच सीएम गहलोत ने अपने विश्वस्तों को संदेश दिया कि चाहे माकन विधायकों से रायशुमारी कर लें या फिर संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल फेरबदल को लेकर कसरत करें, लेकिन वह अपनी मर्जी के खिलाफ फैसले नहीं होने देंगे। दो दिन में मिलने पहुंचे मंत्रियों और विधायकों को अशोक गहलोत ने संदेश दिया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बात करने के बाद ही मंत्रिमंडल में फेरबदल या राजनीतिक नियुक्तियां करेंगे। सूत्रों के अनुसार, अजय माकन द्वारा की जा रही रायशुमारी से अशोक गहलोत नाराज हैं। उधर, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट लगातार दूसरे दिन दिल्ली में सक्रिय रहे। उन्होंने दो दिन में कई नेताओं से मुलाकात की।

अजय माकन इन मुद्दों पर कर रहे हैं संवाद

अजय माकन ने सरकार के कामकाज, मंत्रियों के व्यवहार और आगामी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए अपनाई जाने वाली रणनीति व संगठन के मौजूदा हालातों को लेकर विधायकों से फीडबैक लिया। उन्होंने बृहस्पतिवार को 20 जिलों के 52 विधायकों के साथ वन टू वन चर्चा की। इससे पहले बुधवार को 65 विधायकों से संवाद किया था। सूत्रों के अनुसार, दोनों दिन विधायकों ने शिक्षा, चिकित्सा, बिजली, पानी, सड़क और पंचायती राज व ग्रामीण विकास विभागों में कामकाज की धीमी रफ्तार पर नाराजगी जताई। स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया, वन मंत्री सुखराम विश्नोई व परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के व्यवहार, विभागों में भ्रष्टाचार व अधिकारियों के हावी होने की बात विधायकों ने अजय माकन के समक्ष कही। विधायकों से संवाद खत्म होने के बाद माकन सीएम से मिलने उनके आवास पर गए। दोनों के बीच करीब एक घंटा बातचीत हुई।

सचिन पायलट खेमे को निर्दलियों को बुलाने पर आपत्ति

सचिन पायलट खेमे को रायशुमारी में 13 निर्दलीय विधायकों को बुलाने पर आपत्ति जताई है। पायलट खेमे के विधायक मुरारी लाल मीणा और वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि उन निर्दलियों को बुलाने का क्या मतलब, जिनके कारण कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले लोग हारे थे। इनके स्थान पर चुनाव हारने वालों से फीडबैक लिया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि लगभग सभी निर्दलीय विधायक गहलोत के साथ हैं।

चिकित्सा मंत्री भड़के

खुद को हटाए जाने की चर्चा और विधायकों की नाराजगी झेल रहे चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि रायशुमारी को लेकर जो सुर्खियां बन रही हैं, उनमें सच्चाई नहीं है। मेरे खिलाफ कोई प्रोपेगेंडा नहीं टिकेगा। बिना सचिन पायलट खेमे का नाम लिए मीडिया से बात करते हुए शर्मा ने कहा कि मुझे हटाने की बातें नियोजित रूप से छपवाई जा रही हैं। वहीं, सचिन पायलट के विश्वस्त रामनिवास गावड़िया ने पत्रकारों से कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा ने शिक्षा का भगवाकरण किया, इसलिए लोग उनका विरोध कर रहे हैं। 


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