Rajasthan MLA: राजस्थान में माननीयों ने बढ़ाए अपने वेतन और भत्ते, पूर्व विधायकों की पेंशन भी बढ़ी
Rajasthan MLA. राजस्थान में मुख्यमंत्री का वेतन अब 55 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये और विधानसभा अध्यक्ष का वेतन 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 70 हजार रुपये किया गया है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। हर मुद्दे पर एक-दूसरे के खिलाफ रहने वाले सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों ने सोमवार को सर्वसम्मति से अपने वेतन-भत्ते बढ़ाने को लेकर विधेयक को मंजूरी दी। प्रदेश में मुख्यमंत्री का वेतन अब 55 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये और विधानसभा अध्यक्ष का वेतन 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 70 हजार रुपये किया गया है। इसी तरह विधानसभा उपाध्यक्ष व कैबिनेट मंत्रियों का वेतन 45 हजार रुपये से बढ़ाकर 65 हजार रुपये और राज्य मंत्रियों का वेतन 42 हजार रुपये से बढ़ाकर 62 हजार रुपये किया गया है।
वहीं, संसदीय सचिवों का वेतन 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 60 हजार रुपये, राज्य विधानसभा में सरकारी मुख्य सचेतक का वेतन 45 हजार रुपये से बढ़ाकर 65 हजार रुपये व उप मुख्य सचेतक का वेतन 42 हजार रुपये से बढ़ाकर 62 हजार रुपये किया गया है। विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता का वेतन 45 हजार रुपये से बढ़ाकर 65 हजार रुपये और उप मंत्री का वेतन 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 60 हजार रुपये किया गया है।
पूर्व विधायकों की पेंशन भी बढ़ी
विधायकों का वेतन 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 40 हजार रुपये करने के साथ ही निर्वाचन भत्ता 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 70 हजार रुपये मासिक किया गया है। विधायक का दैनिक भत्ता 1500 रुपये से बढ़ाकर दो हजार रुपये, टेलीफोन भत्ता प्रतिमाह 2500 रुपये, निर्वाचन क्षेत्र के दौरे के लिए वाहन का भत्ता 45 हजार रुपये प्रतिमाह व मकान किराया 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये किया गया है। रेल व हवाई भत्ता सालाना दो लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया गया है। पूर्व विधायकों की पेंशन 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 35 हजार रुपये, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व मुख्य सचेतक का सत्कार भत्ता छह हजार रुपये प्रतिमाह किया गया है। मुख्यमंत्री का सत्कार भत्ता 85 हजार रुपये, मंत्रियों का सत्कार भत्ता 70 हजार रुपये और उप मंत्रियों का सत्कार भत्ता 60 हजार रुपये प्रतिमाह किया गया है।
मंत्रियों और विधायकों के वेतन-भत्ते बढ़ाने के लिए संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने सोमवार को विधानसभा में विधेयक पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गई।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने वेतन बढ़ाने की घोषणा की थी। राजस्थान मिनिस्टर सैलरी बिल 2017 के मुताबिक, मुख्यमंत्री की बेसिक सैलरी 35000 रुपये से बढ़ाकर 55000 रुपये कर दी गई थी। कैबिनेट मंत्री की बेसिक सैलरी 30 हजार से बढ़ाकर 45000 रुपये, राज्यमंत्रियों की बेसिक सैलरी 27000 रुपये से बढ़ाकर 40 हजार रुपये कर दी गई थी। उस बिल के मुताबिक, विधायक की बेसिक सैलरी 15000 से बढ़ाकर 25000 रुपये कर दी गई थी। साथ ही, उनकी पेंशन 15000 रुपये से बढ़ाकर 25000 रुपये कर दी थी।
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