राजस्थान के कृषि विपणन राज्यमंत्री बोले- भाजपा की बपौती नहीं है भगवान
मीणा ने कहा कि हमारे सनातन धर्म में भगवान राम-कृष्ण ने कब कहा था कि तुम दूसरे धर्म से झगड़ा करो उसका अमपान करो । जो व्यक्ति धर्म की मूलभावना से भटका हुआ होगा मैं नहीं मानता कि वह भगवान राम को मानता होगा ।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के कृषि विपणन राज्यमंत्री मुरारी लाल मीणा ने दौसा में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि दिल्ली और करौली में दंगे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने करवाए हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम भाजपा और संघ की बपौती नहीं है। भगवान राम सबके हैं। यह लोग झूठ बोलने और भ्रमित करने में मास्टर हैं। देश की 80 प्रतिशत जनता भावुक है। लोगों को भाजपा के नेता धर्म के नाम पर गुमराह कर देते हैं। चुनाव निकट आने के साथ ही धर्म के नाम पर राजनीति शुरू हो जाती है।
उन्होंने कहा कि इस धरती पर जो भी हिंदू है, भगवान राम उन सभी के हैं। राम को हम भी मानते हैं। मुसलमान अल्लाह, सिख गुरु नानकदेव व विभिन्न धर्मों के लोग अपने-अपने इष्ट देव को मानते हैं। मीणा ने कहा कि हमारे सनातन धर्म में भगवान राम-कृष्ण ने कब कहा था कि तुम दूसरे धर्म से झगड़ा करो, उसका अमपान करो । जो व्यक्ति धर्म की मूलभावना से भटका हुआ होगा, मैं नहीं मानता कि वह भगवान राम को मानता होगा ।
गहलोत ने कहा, धर्म के नाम पर राजनीति
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में दंगों के बाद बुलडोजर चलाए जाने पर कहा कि पता नहीं देश किस दिशा में जा रहा है। गहलोत ने भाजपा सरकारों पर निर्दोष लोगों पर बुलडोजर चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में निर्दोष लोगों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि करौली में माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। करौली दंगे के मुददे को लम्बा खींचा जा रहा है। विधानसभा चुनाव तक माहौल बनाए रखना चाहते हैं।
गहलोत ने कहा कि करौली मुददे को जानबूझकर लम्बा खींचा जा रहा है। 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही तैयारी शुरू हो गई है, इसलिए भाजपा के नेता माहौल बना रहे हैं। यह खतरनाक माहौल है। धर्म के नाम पर राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। सत्ता में बैठे लोग चुनाव जीतकर तो आ गए, लेकिन उनका लोकतंत्र में कोई यकीन नहीं है। हिंसा करने वाले असामाजिक तत्व हैं। गहलोत ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम के नाम पर झगड़े करवाकर चुनाव जीतना आसान है। लेकिन चुनाव जीतना ही सबकुछ होता है क्या, इसके अलावा भी बहुत कुछ होता है।