Rajasthan: पोस्टर विवाद में ट्विटर के सीईओ के खिलाफ याचिका को हाईकोर्ट ने किया निरस्त
Twitter CEO Jack Dorsey. राजस्थान हाईकोर्ट ने मामले में 482 के तहत याचिकाएं स्वीकार करते हुए ट्विटर के सीईओ जैक डोरसे को राहत प्रदान की।
जोधपुर, संवाद सूत्र। Twitter CEO Jack Dorsey. राजस्थान हाईकोर्ट की एकल पीठ ने मंगलवार को ट्विटर के सीईओ जैक डोरसे व सह आरोपित मिस अन्ना बिटिकार्ड के खिलाफ चल रहे मामले में याचिका को निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप मेहता की कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए एफआइआर निरस्त करने के आदेश पारित किए हैं। ब्राह्मणों के खिलाफ एक पोस्टर को लेकर ट्विटर के सीईओ पर मामला दर्ज किया गया था।
राजस्थान हाईकोर्ट ने मामले में 482 के तहत याचिकाएं स्वीकार करते जेक डोरसे व अन्य को राहत प्रदान की है। सुनवाई के दौरान जैक डोरसे की ओर से दिल्ली से आए अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने पक्ष रखा। वहीं, मिस अन्ना बिटिकार्ड की ओर से महेश बोडा ने पक्ष रखते हए कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता निर्दोष है और वह बाहर से आए आगन्तुक हैं, उन्हें यहां के कल्चर की कोई जानकारी नही है। वहीं, अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने ब्राह्मण पक्ष की ओर से पैरवी की। कोर्ट ने दोनों पक्षों सुनने के बाद याचिका स्वीकार करते हुए एफआइआर निरस्त करने के आदेश दिए।
जानें, क्या था मामला
वर्ष 2018 में ट्विटर सीईओ जेक डोरसे के भारत दौरे के दौरान दिल्ली में महिला कार्यकर्ता बरखा दत्ता के साथ ही अन्य महिलाओं ने उनसे मुलाकात करते हुए एक पोस्टर भेंट किया था। पोस्टर पर उक्त विवादित बयान था, जिसमे लिखा था कि ब्राह्मण वादी सत्ता का नाश हो। उक्त बयान को लेकर ब्राह्मण समुदाय के पदाधिकारियों द्वारा एफआइआर कोर्ट के माध्यम से जोधपुर के बासनी थाने दर्ज करवाई गई थी। जिसमे मामले के अनुसंधान में यह सामने आया है कि उक्त विवादित ट्वीट मिस अन्ना वैरिफाड के ट्विटर एकाउंट से हुआ है। इस ट्विटर एकाउंट का लिंक व ई मेल एड्रेस जैक डोरसे द्वारा उपलब्ध करवाया गया था। जिसमे पुलिस साइबर सेल के माध्यम से उक्त अपराध का पता लगाने में जुटी हुई, जिसके बाद लगातार जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्यपीठ में मामले की सुनवाई हो रही थी।