Rajasthan: पंचायती राज नियम के तहत दस्तावेज नहीं देने पर राजस्थान हाईकोर्ट का नोटिस
Rajasthan राजस्थान कोर्ट ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के सचिव जैसलमेर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और पूनमनगर ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी और सरपंच को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब मांगा है।
जोधपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 के तहत रिकॉर्ड व दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाने के मामले में दायर रिट याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने ग्रामीण विकास व पंचायतीराज विभाग के सचिव, जैसलमेर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व पूनमनगर ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी व सरपंच को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। ग्राम पूनमनगर निवासी लोकेन्द्र सिंह की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता रजाक के. हैदर व पंकज एस. चौधरी ने रिट याचिका दायर कर कहा कि आवेदक ने राजस्थान पंचायतीराज नियम, 1996 के नियम 321 सपठित नियम 324 के तहत विकास कार्योँ से संबंधित दस्तावेजों की सत्यापित प्रति चाही थी।
इसका जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने नियम 328 के तहत मुख्य कार्यकारी अधिकारी को प्रतिवेदन भेजा, जिसका भी निस्तारण नहीं हुआ। सुनवाई के बाद न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग ने ग्रामीण विकास व पंचायतीराज विभाग के सचिव, जैसलमेर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और पूनमनगर ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी व सरपंच को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया।
आरटीआइ का विकल्प है यह नियम
यह पंचायती राज संस्थाओं (यथा ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद) से दस्तावेज या रिकॉर्ड लेने के लिए सूचना के अधिकार का विकल्प है। इसके तहत केवल चार दिन (अधिकतम) में पंचायतराज संस्थाओं को आवेदकों को चाहे गए रिकॉर्ड या दस्तावेज उपलब्ध करवाना होता है। नियम 328 के तहत मुख्य कार्यकारी अधिकारी को इन नियमों की पालना सुनिश्चित करनी होती है। इन प्रावधानों की समुचित रूप से पालना नहीं करने और आवेदक को रिकॉर्ड या दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने पंचायतराज विभाग के शीर्ष अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं।