Rajasthan: राज्यपाल कलराज मिश्र बोले, जीरो बजट खेती पर काम करें कृषि वैज्ञानिक
Rajasthan Governor Kalraj Mishra. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि प्राकृतिक खेती जीरो बजट की होगी। इस पर हमारे कृषि वैज्ञानिकों को और शोध करने की आवश्यकता है।
उदयपुर, जेएनएन। Rajasthan Governor Kalraj Mishra. राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि विद्यार्थियों और युवा पीढ़ी के साथ ही देश के प्रत्येक नागरिक को राष्ट्रीय एकता, अखंडता व सामाजिक समरसता के लिए अपने मूल कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। प्रत्येक नागरिक राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें, इसलिए नागरिकों के मूल कर्तव्य को अपने आचरण में लाना होगा। राज्यपाल रविवार को उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 13 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने दीक्षा प्राप्त विद्यार्थियों से अपनी शैक्षणिक श्रेष्ठता और अद्यतन शोध को समय की आवश्यकता बताते हुए राष्ट्र की प्रगति, प्रदेश के कृषि विकास के लिए ईमानदारी से अपने उत्तरदायित्वों के निर्वहन का आह्वान
भी किया। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में कृषि जैसे श्रमसाध्य क्षेत्र में भी छात्राएं किसी से कम नहीं है। आज प्रदत्त स्वर्ण पदकों में से पीएचडी के दो स्वर्ण पदक छात्रों को और दो छात्राओं को मिले, परन्तु स्नातक और स्नातकोत्तर के 35 में से 19 स्वर्ण पदक और कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्राप्त कर छात्राओं ने अधिक पदक प्राप्त पर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती जीरो बजट की होगी। इस पर हमारे कृषि वैज्ञानिकों को और शोध करने की आवश्यकता है, जिससे वर्ष 2022 तक हम कृषकों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य हासिल कर पाएंगे।
उन्होंने कृषि के आधुनीकीकरण पर बल देते हुए आर्टीफिसियल इंटेलीजेंस व रोबोटिक्स जैसे नवाचारों के उपयोग पर ध्यान देने के लिए दिशानिर्देश दिए। पूर्व महानिदेशक आईसीएआर एवं सचिव कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग तथा झांसी स्थित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. पंजाब सिंह को राज्यपाल की अनुपस्थिति में डॉक्टर आफ साइंस की मानद उपाधि से सम्मानित किया।
कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल के पूर्व अध्यक्ष एवं महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी के पहले कुलपति डॉ. अमरसिंह फरोदा ने कहा कि खाद्यान्न, बागवानी फसलों और तिलहन उत्पादन में हम बेहतर स्थिति में हैं, लेकिन डेयरी, पशुपालन, मछली व बागवानी उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण, संवद्र्धन, जैविक खेती इत्यादि में उल्लेखनीय कार्य करने की महत्ती आवश्यकता है। दीक्षांत समारोह से पहले कुलपति प्रो. नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने प्रतिवेदन प्रस्तुत कर विश्वविद्यालय द्वारा अर्जित एक वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी दी।
इन्हें मिली दीक्षा, उपाधियां और स्वर्ण पदक
दीक्षांत समारोह में 13 स्नातक, 20 स्नातकोत्तर एवं चार पीएचडी के पात्र विद्यार्थियों को संबंधित विषय में प्रथम स्थान हासिल करने पर राज्यपाल ने स्वर्ण पदक प्रदान किए। इसके अतिरिक्त समुदाय एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय की छात्रा सुश्री कविता भट्ट को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया तथा अभियांत्रिकी महाविद्यालय के दो विद्यार्थियों को जैन इरिगेशन स्वर्ण पदक प्रदान किए। दीक्षांत समारोह में 900 विद्यार्थियों को दीक्षा दे कर उपाधियां प्रदान की गईं।