Move to Jagran APP

Rajasthan: सरकार कराएगी अपनी योजनाओं का सामाजिक मूल्यांकन

Rajasthan सामाजिक मूल्यांकन की प्रक्रिया के अध्ययन के लिए अधिकारियों की एक टीम तेलंगाना भेजी गई है। यह मूल्यांकन 30 हजार से ज्यादा लोगों की मदद से कराया जाएगा।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 07:37 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 07:37 PM (IST)
Rajasthan: सरकार कराएगी अपनी योजनाओं का सामाजिक मूल्यांकन
Rajasthan: सरकार कराएगी अपनी योजनाओं का सामाजिक मूल्यांकन

राज्य ब्यूरो, जयपुर। राजस्थान सरकार प्रदेश में चल रही प्रमुख सरकारी योजनाओं जैसे मनरेगा, स्वच्छता अभियान, ग्रामीण आवास योजना आदि का सामाजिक मूल्यांकन कराएगी। सामाजिक मूल्यांकन की प्रक्रिया के अध्ययन के लिए अधिकारियों की एक टीम तेलंगाना भेजी गई है। यह मूल्यांकन 30 हजार से ज्यादा लोगों की मदद से कराया जाएगा।

loksabha election banner

दरअसल, केंद्र सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश में सामाजिक लेखा परीक्षा, जवाबदेही एवं पारदर्शिता सोसायटी का गठन किया गया है। अब इस सोसायटी ने काम करना शुरू कर दिया है और आगामी दो माह में यह पूरी तरह सक्रिय हो जाएगी। राजस्थान के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता इस सोसायटी के अध्यक्ष हैं। अब तक सामाजिक मूल्यांकन की व्यवस्था सिर्फ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में ही थी और वहां इसके लिए अलग व्यवस्था भी थी। लेकिन अब केंद्र सरकार ने सभी राज्यों में अलग से एक स्वतंत्र सामाजिक मूल्यांकन इकाई के रूप में सामाजिक लेखा परीक्षा, जवाबदेही एवं पारदर्शिता सोसायटी का गठन करने के निर्देश दिए हैं। इस सोसायटी की गवर्निंग बॉडी की पहली बैठक मंगलवार को हुई।

बैठक में तय किया गया कि नरेगा सहित प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), 14वें वित्त आयोग, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) एवं स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण का सामाजिक मूल्यांकन कराया जाएगा। मुख्य सचिव ने सामाजिक लेखा परीक्षा, जवाबदेही एवं पारदर्शिता सोसायटी में सामाजिक मूल्यांकन कराने के लिए सामाजिक विकास विशेषज्ञ, छह राज्य संसाधन व्यक्ति, 99 जिला संसाधन व्यक्ति, 1649 ब्लॉक संसाधन व्यक्ति एवं 29500 ग्राम संसाधन व्यक्तियों को लगाने के निर्देश दिए। इस तरह तीस हजार से ज्यादा लोग इन योजनाओं का समाजिक मूल्यांकन करेंगे। इन संसाधन व्यक्तियों को सामाजिक मूल्यांकन कार्य कराने के लिए उचित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

बैठक में यह भी तय किया गया कि नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) के मूल्यांकन दल के सदस्य भी सामाजिक मूल्यांकन के लिए की जाने वाली ग्राम सभाओं में स्वतंत्र प्रेक्षक के रूप में रहेंगे। बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं पदेन उपाध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने बताया कि एक अध्ययन दल तेलंगाना में सामाजिक मूल्यांकन व्यवस्थाओं के अध्ययन के लिए भेजा गया है। वह दल वहां की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर यहां बनाए जाने वाले नियमों पर रिपोर्ट देगा। सिंह ने बताया कि सामजिक मूल्यांकन के लिए गठित यह सोसायटी जल्द ही पूरी तरह सक्रिय हो जाएगी और मूल्यांकन का वर्ष भर का कैलेंडर जारी करेगी।

राजस्थान की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.