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Rain And Flood in Rajasthan: राहत कार्य के लिए केंद्र से 964 करोड़ रुपये मांगेगी सरकार

Rajasthan government. राजस्थान सरकार इस बार राहत कार्य के लिए केंद्र से 964 करोड़ रुपये मांगेगी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 01:03 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 01:03 PM (IST)
Rain And Flood in Rajasthan: राहत कार्य के लिए केंद्र से 964 करोड़ रुपये मांगेगी सरकार
Rain And Flood in Rajasthan: राहत कार्य के लिए केंद्र से 964 करोड़ रुपये मांगेगी सरकार

राज्य ब्यूरो, जयपुर। राजस्थान में इस बार हुई जबर्दस्त बारिश से राज्य के कुछ जिलों में बने बाढ़ के हालात से हुए नुकसान के लिए राजस्थान केंद्र से 964 करोड़ रुपये की मांग करेगा। इसके लिए अंतरिम ज्ञापन बनाकर केंद्र को भेजा जा रहा है। अक्टूबर में सर्वे रिपोर्ट आने के बाद फाइनल ज्ञापन भेजा जाएगा। राजस्थान में इस बार रिकॉर्ड बारिश हुई और बारिश का आंकड़ा 743 मिमी के पार पहुंच चुका है। यह राजस्थान की औसत बारिश से 42 प्रतिशत ज्यादा है।

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अच्छी बारिश के चलते राज्य के हाड़ौती संभाग के कोटा, बूंदी, झालवाड़ और बारां जिलों में बाढ़ के हालात बने। इसके अलावा उदयपुर संभाग के डूंगरपुर, तापगढ़, चित्तौड़गढ़ आदि जिलों में भी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। चंबल नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बही। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से फिलहाल 964 करोड़ रुपये की मांग का ज्ञापन तैयार किया है।

राजस्थान के मुख्य सचिव डीबी गुाा ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य के लिए जरूरी निर्देश दिए हैं। सरकार के पास अभी टोंक और भरतपुर जिलों से नुकसान की सूचना नहीं आई है, इसलिए 964 करोड़ का अंतरिम मेमोरेंडम बनाकर भेजा जा रहा है। सभी तहसीलों में सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है, जो 15 अक्टूबर तक चलेगा। रिपोर्ट आने के बाद नुकसान का वास्तविक आकलन हो सकेगा और इसके आधार पर सरकार अंतिम ज्ञापन भेजेगी। सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने, बर्तन व कच्चे-पक्के मकानों, मवेशियों की मौत, जमीन खराब होने, फसल खराब होने आदि मामलों में सहायता दी जाएगी।

इसके साथ ही सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए भी जिलों को पैसा दिया जाएगा। इससे प्रभावित जिलों में सड़कों एवं पुलों का पुनर्निर्माण एवं मरम्मत की जाएगी। साथ ही पेयजल आपूर्ति सिस्टम को ठीक करने के अलावा, सिंचाई के लिए बनी वितरिकाएं भी ठीक कराई जाएंगी। स्कूलों और पंचायत भवनों में भी मरम्मत कराई जाएगी।

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