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Jaipur का विश्व विरासत का दर्जा बरकरार रखने को यूनेस्को के बताए काम में जुटी सरकार

Rajasthan government. यूनेस्को की ओर से गत छह जुलाई को जयपुर को विश्व विरासत का दर्जा दिया गया था। यह दर्जा एक वर्ष के लिए अस्थाई तौर पर दिया गया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 03:42 PM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 03:42 PM (IST)
Jaipur का विश्व विरासत का दर्जा बरकरार रखने को यूनेस्को के बताए काम में जुटी सरकार
Jaipur का विश्व विरासत का दर्जा बरकरार रखने को यूनेस्को के बताए काम में जुटी सरकार

जयपुर, जेएनएन। जयपुर को मिला विश्व विरासत का दर्जा बरकरार रखने के लिए राजस्थान सरकार इन दिनों यूनेस्को के बताए काम करने में जुटी है। जयपुर में दो नगर निगम बनाए जाने के फैसले सहित परकोटा क्षेत्र का ड्रोन से सर्वे और जयपुर की हैरिटेज सम्पत्तियों की सूची बनाए जाने जैसे कई काम इस दर्जे को बचाए रखने के लिए किए जा रहे हैं।

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यूनेस्को की ओर से गत छह जुलाई को जयपुर को विश्व विरासत का दर्जा दिया गया था। यह दर्जा एक वर्ष के लिए अस्थाई तौर पर दिया गया है। इस एक वर्ष में सरकार को यूनेस्को की ओर से बताए गए कई काम पूरे करने हैं और समय-समय पर यूनेस्को को यह रिपोर्ट भी भेजनी है कि क्या और कितना काम किया गया है। वर्ष भर बाद यूनेस्को की टीम एक बार फिर यह देखेगी कि जो वादा किया गया था, उसमें से कितना काम किया गया। इसके आधार पर ही जयपुर का विश्व विरासत का दर्जा आगे कायम रह पाएगा। इस बारे में पहली रिपोर्ट नवंबर में जानी है। यही कारण है कि सरकार इन दिनों यूनेस्को द्वारा बताए गए काम पूरे करने में जुटी है।

यह काम कर रही सरकार

जयपुर का विश्व विरासत का दर्जा बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि इस क्षेत्र पर विशेष फोकस रखा जाए। जयपुर के दो नगर निगम बनाए जाने का निर्णय राजनीतिक के साथ ही इस दृष्टि से भी लिया गया है। सरकार ने जयपुर में हैरिटेज और ग्रेटर दो निगम बनाने का फैसला किया है और हैरिटेज निगम में परकोटा क्षेत्र को ही शामिल किया गया है। माना जा रहा है कि इससे सरकार की एजेंसियां इस क्षेत्र के विकास और इसके लिए बेहतर ढंग से काम कर सकेंगी। इसके अलावा परकोटा क्षेत्र का एक स्पेशल एरिया प्लान बनाया जाना है। इसके लिए हाल में सरकार ने पूरे परकोटा क्षेत्र का ड्रोन सर्वे कराया है। इसके आधार पर बेस मैप तैयर किया जाएगा और जनवरी में अंतरराष्ट्रीय कंसलटैंट्स की कार्यशाला आयोजित कर स्पेशल एरिया प्लान बनाया जाएगा।

परकोटा क्षेत्र की हैरिटेज संपत्तियों का सर्वे भी किया जाएगा और इन्टैक के साथ समझौता कर संपत्तियों की सूची तैयार की जाएगी। जब तक नया नगर निगम अस्तित्व में नहीं आता, तब तक मौजूदा नगर निगम के हैरिटेज सेल को मजबूत किया जाएगा। इसके लिए हैरिटेज सेल में दो विशेषज्ञ शामिल किए जाएंगे। परकोटा क्षेत्र में सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना के काम भी चल रहे है। इसका शहर के हैरिटेज पर क्या प्रभाव पड रहा है, इसका आकलन भी किया जा रहा है। इसके साथ ही एक विस्तृत कार्ययोजना भी तैयार की गई जिसके आधार पर इन सभी कार्यो की नियमित माॅनिटरिंग की जा रही है।

अब सरकार नवंबर में इन सब कार्यो की रिपोर्ट तैयार कर यूनेस्को को भेजेगी और इसके बाद जमीनी स्तर पर इन कार्यों को शुरू किया जाएगा। सरकार के स्वायत्त शासन मंत्री शांती धारीवाल स्वयं इन कार्यों की माॅनिटरिंग कर रहे हैं।

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