जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान सरकार ने नए साल पर अखिल भारतीय सेवाओं के 103 अधिकारियों को पदोन्नति दी है। पद्दोन्नत अफसरों में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) 43, भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) 45 और भारतीय वन सेवा (आइएफएस) के 15 अधिकारी शामिल हैं। शुक्रवार देर रात डेढ़ बजे कार्मिक विभाग द्वारा जारी आदेश में पदोन्नत होने वाले अफसरों में से 46 आइएएस, 37आइपीएस व नौ आइएफएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में घिरे आइएएस अधिकारी नीरज के पवन को पदोन्नत कर बीकानेर में संभागीय आयुक्त के पद पर लगाया गया है। पवन के खिलाफ जांच लंबित है। उनके साथ ही घूसखोरी के मुकदमें नामजद आइएएस अधिकारी प्रदीप के गवांडे को भी पद्दोन्नत किया है। चार आइपीएस अधिकारियों को पदोन्नत कर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पद पर लगाया गया है। इनमें विशाल बंसल को कम्युनिटी पुलिसिंग, वीके सिंह याताया, हवा सिंह घूमरिया को कानून व्यवस्था और एस सेंगाथिर को अतिरिक्त महानिदेशक सुरक्षा के पद पर लगाया गया है। छह आइपीएस को उप महानिरीक्षक से महानिरीक्षक पद पर लगाया गया है।
जानें, किसे क्या मिली जिम्मेदार
इसी तरह 10 आइपीएस पदोन्नत होकर उप महानिरीक्षक बने हैं। सुनील कुमार बिश्नोई को पुलिस अधीक्षक सवाईमाधोपुर, शिवजीराम को धौलपुर, केशर सिंह कोटा, मृदुल कच्छावा को जयपुर साउथ और शैलेन्द्र सिंह को पुलिस अधीक्षक करौली के पद पर लगाया गया है। सरकार ने 1992 बैच के आइएएस अधिकारी अभय कुमार को गृह विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव,वैभव गालरिया को चिकित्सा शिक्षा विभाग में प्रमुख सचिव, टी रविकांत को प्रमुख सचिव वित्त, सुबीर कुमार को प्रमुख सचिव राजभवन, वीना प्रधान को प्रबंध निदेशक राजस्थान लघु उद्योग निगम, भंवरलाल को संभागीय आयुक्त अजमेर,आरती डोगरा व अमित ढाका को सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय, वी सरवन कुमार को गृह सचिव, उर्मिला राजोरिया को महिला अधिकारिता विभाग में आयुक्त, नरेश ठकराल और सुधीर शर्मा को वित्त विभाग में सचिव पद पर लगाया गया है। पमेश्वर लाल को श्रम विभाग और धनेन्द्र चतुर्वेदी को विधि विभाग में विशिष्ठ सचिव पद पर लगाया गया है। इनके अतिरिक्त 28 आइएएस अधिकारियों को विभिन्न जिला परिषदों में मुख्य कार्यकारी अधिकारी और संयुक्त सचिव के पद पर लगाया गया है।
जेल जा चुके हैं पवन
सरकार द्वारा पदोन्नत किए गए आइएएस अधिकारी नीरज के पवन साल, 2016 में चिकित्सा विभाग से जुड़े एक घोटाले के आरोप में जेल जा चुके हैं। चिकित्सा विभाग में रहते हुए उन्होंने अपने कई स्वजनों को नौकरी पर रख लिया था। जेल जाने पर उन्हे बर्खास्त किया गया था। इस मामले में कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सरकार ने उन्हें बहाल कर श्रम विभाग का सचिव व राजस्थान स्किल एंड लिवलिहुड डेवलपमेंट कारर्पोरेशन का चेयरमैन बनाया था। पिछले साल एक आडियो रिकार्डिंग सार्वजनिक हुई,जिसमें पवन द्वारा रिश्वत के लेनेदेन की बात सामने आई थी। मामला कोर्ट में लंबित है। कुछ दिन उन्हें कम महत्व के पद पर रखने के बाद अब फिर संभागीय आयुक्त जैसे महत्वपूर्ण पद पर लगाया गया है।
a