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राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के तबादलों पर लग सकती है रोक, निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन बताकर आपत्ति जताई

राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के तबादलों पर रोक लग सकती है। राज्य निर्वाचन आयोग ने रोक हटाने कि राज्य सरकार के निर्णय पर आपत्ति जताई है । रोक हटाने को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना गया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 04:45 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 04:45 PM (IST)
राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के तबादलों पर लग सकती है रोक, निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन बताकर आपत्ति जताई
गहलोत सरकार ने 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक के लिए सभी विभागों के तबादलों पर रोक हटाई थी।

जागरण संवाददाता, जयपुर : राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के तबादलों पर रोक लग सकती है। राज्य निर्वाचन आयोग ने रोक हटाने कि राज्य सरकार के निर्णय पर आपत्ति जताई है । रोक हटाने को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना है। विधायकों के दबाव के चलते अशोक गहलोत सरकार ने 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक के लिए सभी विभागों के तबादलों पर रोक हटाई थी। 

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मुख्य निर्वाचन आयुक्त प्रेम सिंह मेहरा का राज्य सरकार को पत्र लिखकर निर्णय पर पुनर्विचार का आग्रह

आयोग का कहना कि प्रदेश में 3848 ग्राम पंचायतों के लिए चुनावी कार्यक्रम घोषित हो चुका हैं, ऐसे में राज्य सरकार बिना आयोग के अनुमति के तबादलों से रोक नहीं हटा सकती । मुख्य निर्वाचन आयुक्त प्रेम सिंह मेहरा ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है । राज्य निर्वाचन आयोग ने हाल ही में 44 आबकारी अधिकारियों के तबादले पर भी रोक लगा दी थी । 

आयोग के अनुसार राज्य सरकार ने इन अधिकारियों के तबादले के संबंध में कोई विचार-विमर्श नहीं किया

आयोग का अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार ने इन अधिकारियों के तबादले के संबंध में कोई विचार-विमर्श नहीं किया, ऐसे में तबादले अस्वीकार्य है। आयोग ने दो राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों के तबादलों पर भी रोक लगा दी थी। तबादलों पर आयोग के कड़े रूप से सरकार हरकत में आई है। आयोग की आपत्ति पर अब मुख्य सचिव राजीव स्वरूप पत्र लिखकर जवाब देंगे । सरकार आयोग से छूट देने के लिए आग्रह कर सकती है। 

गहलोत सरकार का किसानों को बिजली बिलों पर लगने वाली पेनल्‍टी और वीसीआर में राहत देने का फैसला

इसी बीच कोविड-19 महामारी को देखते हुए गहलोत सरकार ने किसानों को बिजली बिलों पर लगने वाली पेनल्‍टी और वीसीआर में राहत देने का फैसला किया है। इस निर्णय से किसानों को कोविड काल में कृषि कनेक्शन के बिल जमा नहीं करने पर पेनल्‍टी में राहत मिलेगी। 31 अक्टूबर तक कृषि बिजली बिल का बकाया जमा करवाने पर पेनल्टी में शत प्रतिशत छूट मिलेगी। 

किसान 20% राशि जमा कराने पर कृषि उपभोक्ता के प्रकरण को वीसीआर कमेटी के सामने पेश कर सकेगा

बीपीएल उपभोक्ताओं और लघु श्रेणी के घरेलू उपभोक्ताओं को भी पेनल्टी में छूट की सुविधा मिलेगी। वहीं किसान अब वीसीआर की 20 प्रतिशत राशि जमा कराने पर कृषि उपभोक्ता के प्रकरण को वीसीआर कमेटी के सामने पेश कर सकेगा। किसान अपने कृषि कनेक्शन के स्वीकृत लोड को बिना अतिरिक्त राशि जमा करवाए बढ़ा सकेंगे। किसान कृषि कनेक्शन की इस स्वैच्छिक भार वृद्धि योजना का लाभ 31 दिसंबर तक उठा सकेंगे। 

पंचायत चुनाव के दौरान इस तरह का निर्णय राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया गया : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता 

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा का कहना है कि पंचायत चुनाव के दौरान इस तरह का निर्णय राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया गया है। किसान तो पहले से ही परेशान था तब सरकार ने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब पंचायत चुनाव के कारण यह निर्णय किया है।


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