सचिन पायलट बोले, मैं अकेला ही सब पर भारी; विपक्षी विधायकों के तंज पर अपनों को भी जवाब Jaipur News
Sachin Pilot. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान का असर राजस्थान विधानसभा में भी दिखाई दिया।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच खींचतान का असर मंगलवार देर रात राजस्थान विधानसभा में भी साफ दिखाई दिया। सदन में मंगलवार रात को पायलट अकेले विपक्ष से जूझते नजर आए। जिस वक्त सचिन पायलट को ग्रामीण विकास व पंचायत राज विभाग की बजट अनुदान मांगों पर बहस का जबाब देना था, उस समय उनके समर्थक परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को छोड़कर पूरी गहलोत सरकार गायब हो गई। खाचरियावास के अलावा सरकार का कोई मंत्री या वरिष्ठ विधायक सदन में मौजूद नहीं था। यहां तक कि सत्ता पक्ष के विधायकों की भी सदन में मौजूदगी उस वक्त महज तीस फीसदी से कम थी।
जबकि अमूमन मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री सदन में होते और उन्हें जबाब देना होता है तब सभी मंत्री और विधायक मौजूद रहते हैं। सत्ता पक्ष की ये तस्वीर देखकर विपक्ष ने पायलट पर जमकर तंज कसे। भाजपा विधायकों ने तो विधानसभा अध्यक्ष से ये व्यवस्था देने को कहा कि पायलट के जबाब के वक्त सत्ता पक्ष मौजूद रहे।
उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कसा तंज, पायलट ने दिया जवाब
इस दौरान विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने तंज कसा कि कांग्रेस ने पायलट को अकेले छोड़ दिया। राठौड़ ने पायलट को ऑफर दिया कि अगर सत्ता पक्ष यानी कांग्रेस आपका साथ नहीं दे रही है तो विपक्ष देने को तैयार है। इस पर पायलट ने विपक्ष के साथ पार्टी में अपने विरोधियों को जबाब देते हुए कहा वे अकेले ही सब पर भारी पड़ेंगे। पायलट को उपेक्षा का सामना तब से करना पड़ रहा है, जब बजट पेश करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट का नाम लिए बिना उन पर हमला किया और कहा कि जिन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनना था वे भी मुख्यमंत्री की रेस में थे। उस समय गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वे मुख्यमंत्री इसलिए हैं कि जनता की पसंद अकेले गहलोत यानी वे ही थे और कोई नहीं। गहलोत ने कहा था कि हर गांव ढ़ाणी से आवाज आ रही थी कि सीएम गहलोत ही बने और कोई नहीं, इसी वजह से राहुल गांधी ने उन्हें सीएम बनाया है।