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Rajasthan: कांग्रेस विधायक ने अपनी ही सरकार के मंत्री के खिलाफ दिया धरना, भाजपा ने कहा-तबादलों में खेला हो गया

Rajasthan कांग्रेस के नाराज विधायक अमिन कागजी ने अपनी ही सरकार के चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के जयपुर स्थित सरकारी आवास पर धरना दिया। विधायक ने मंत्री और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विधायक के साथ उनके समर्थकों ने भी नारेबाजी की।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 02:55 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 07:12 PM (IST)
Rajasthan: कांग्रेस विधायक ने अपनी ही सरकार के मंत्री के खिलाफ दिया धरना, भाजपा ने कहा-तबादलों में खेला हो गया
राजस्थान में डाक्टरों के तबादले को लेकर मंत्री के घर के बाहर कांग्रेस विधायक ने दिया धरना। फोटो इंटरनेट मीडिया

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को सीकर जिले में दावा किया विधायक मांगते-मांगते थक जाते हैं, लेकिन मैं देते-देते नहीं थकता हूं ।सीएम ने विधायकों की हर मांग पूरी करने की बात कही। इसके ठीक उलट शनिवार को कांग्रेस के ही एक विधायक ने अपनी ही सरकार में चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के जयपुर स्थित आवास पर धरना दिया। विधायक और उनके समर्थकों ने मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। मंत्री ने विधायक को मनाने का प्रयास किया, लेकिन वह काफी देर तक धरने पर बैठे रहे। बाद में पार्टी नेतृत्व से मिले संदेश के बाद विधायक ने धरना खत्म किया। उधर, मंत्री ने कहा कि तबादले नियमों के तहत किए गए हैं। लेकिन यदि फिर भी किसी विधायक को आपत्ति है तो उसकी मर्जी से तबादले किए जाएंगे।

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मंत्री पर मनमाने फैसले करने का आरोप

जयपुर के किशनपोल विधानसभा क्षेत्र से विधायक अमिन कागजी खुद की सिफारिश के चिकित्साकर्मियों व नर्सिंगकर्मियों के तबादले नहीं होने से नाराज थे। अपने समर्थकों के साथ मीणा के आवास पर दिए धरने के दौरान कागजी ने आरोप लगाया कि किशनपोल में चार अल्पसंख्यक (मुस्लिम) चिकित्सक कार्यरत थे, जिनका तबादला उनकी जानकारी के बिना दूसरी जगह कर दिया गया। कागजी ने कहा कि मंत्री मनमाने फैसले करते हैं। विधायकों की सिफारिश के अनुसार तबादले नहीं किए जाते हैं। विधायकों की सिफारिश को दरकिनार कर अधिकारियों द्वारा तैयार की गई तबादला सूची पर मुहर लगाई जाती है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग में तबादलों में खेला हो रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कांग्रेस के विधायक और संगठन के पदाधिकारी मंत्रियों के कामकाज से नाखुश हैं। सरकार में सुनवाई नहीं होने से नाराज विधायक और पदाधिकारी निरंतर सीएम व प्रदेश प्रभारी अजय माकन तक शिकायत करते रहते हैं।

भाजपा ने कहा, तबादलों में खेला हो गया

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि गहलोत सरकार में तबादलों में खेला हो रहा है। गहलोत सरकार में तबादला उद्योग बन चुका है। कुनबे को एक रखने में गहलोत नाकाम साबित हो रहे हैं। विधायकों को प्रलोभन देकर सरकार बचाई जा रही है। राज्यसभा चुनाव में विधायकों को लालच दिया गया।

गहलोत ने शेखावत और पायलट पर निशाना साधा

गहलोत ने शनिवार को सीकर जिले के कोठ्यारी में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट पर निशाना साधा। गहलोत ने इशारों में कहा कि शेखावत और पायलट सरकार गिराने के षड्यंत्र में मिले हुए थे। शेखावत सरकार गिराने के प्रयास में मुख्य किरदार थे। सबको मालूम है वे एक्सपोज (उजागर ) हो गए । उनका आडियो आया, उसमें आवाज थी। दुनिया जानती है कि आवाज आपकी (शेखावत) थी। अब आवाज का नमूना नहीं दे रहे हैं। अब आप पायलट का नाम लेकर कह रहे हैं कि उनहोंने चूक कर दी। सीएम ने कहा कि साबित हो गया कि शेखावत ने हमारी सरकार गिराने का षड्यंत्र किया था। बयान देकर खुद शेखावत ने ठप्पा लगा दिया। उन्होंने कहा कि शेखावत को आवाज का नमूना देने का नोटिस देरी से दिया गया। वे बचते रहे, आखिर कोर्ट से नोटिस दिया गया। उल्लेखनीय है कि तीन दिन पहले शेखावत ने चौमू में एक सभा में कहा था कि पायलट 2020 में चूक गए,यदि मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह फैसला लिया होता तो 13 जिलों में पानी की समस्या दूर होती। ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना पर काम होता।


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